Chandrayaan 3: कांग्रेस का बड़ा आरोप, वैज्ञानिकों को 17 माह से सैलरी नहीं मिली, ISRO के पूर्व अध्यक्ष ने दिया जवाब
Chandrayaan 3: इस वक्त जब पूरा देश और दुनिया ISRO के वैज्ञानिकों को चंद्रयान मिशन सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए बधाई दे रहे हैं, वहीं उन्हें लंबे समय से सैलरी नहीं मिलने का मुद्दा भी गर्मा रहा है। कांग्रेस के संगठन महासचिव और राज्यसभा सांसद के. सी. वेणुगोपाल ने मोदी सरकार पर वैज्ञानिकों की सैलरी रोकने का बड़ा आरोप लगाया है।
के. सी वेणुगोपाल ने कहा कि देश के वैज्ञानिकों को गत 17 माह से सैलरी नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि Chandrayaan 3 मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए हम ISRO अध्यक्ष डॉ. सोमनाथ तथा उनकी टीम को हार्दिक बधाई देते हैं। उन्होंने इस संबंध में एक ट्वीट करते हुए पीएम मोदी पर लैंडिंग का श्रेय लेने का भी आरोप लगाया।
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वेणुगोपाल ने अपने ट्वीट में मोदी सरकार के सवाल पूछते हुए लिखा कि Chandrayaan 3 Mission से जुड़े वैज्ञानिकों को पिछले 17 माह से तनख्वाह क्यों नहीं दी जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने पूछा कि संस्थान द्वारा चलाए जा रहे इतने जरूरी मिशन्स के बजट में 32 फीसदी से अधिक की कटौती क्यों की गई?
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि पीएम मोदी को टीवी स्क्रीन पर आने और मिशन की सफलता का श्रेय लेने की जल्दी रहती है परन्त सरकार वैज्ञानिकों का सपोर्ट करने में पीछे रहती है। इनकी प्रतिभा तथा मेहनत की सरकार द्वारा कोई कद्र नहीं की जाती है।
दिग्विजय सिंह ने उठाया था सबसे पहले मुद्दा
इस मुद्दे पर सबसे पहले वरिष्ठ कांग्रेसी नेता तथा मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ध्यान आकर्षित किया था। उन्होंने Chandrayaan 3 की सफल लैंडिंग से पहले कहा था कि हम ईश्वर से ISRO के वैज्ञानिकों द्वारा शुरु किए गए चंद्रयान मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने की प्रार्थना करते हैं। परन्तु इस संबंध में अखबारों में रिपोर्ट्स आई हैं जिनके अनुसार वैज्ञानिकों को पिछले 17 माह से सैलरी नहीं दी गई है। प्रधानमंत्री को इस संबंध में भी आवश्यक कार्यवाही करनी चाहिए।
ISRO के पूर्व चीफ जी. माधवन ने दिया जवाब
मीडिया द्वारा भारतीय वैज्ञानिकों की सैलरी को लेकर पूछे गए एक प्रश्न का जवाब देते हुए इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन ने कहा कि इसरो के वैज्ञानिक बहुत ही सामान्य और संयमित जीवन जी रहे हैं। उनमें से कोई भी करोड़पति नहीं है और दुनिया भर के वैज्ञानिकों को मिलने वाली औसतन सैलरी का भी बमुश्किल पांचवां हिस्सा ही उन्हें तनख्वाह के रूप में मिलता है।
माधवन ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिक पैसों के लिए नहीं बल्कि अपने देश और मिशन के लिए काम करते हैं। वे पूरी तरह से अपने मिशन के प्रति समर्पित है। इसी समर्पण के दम पर इसरो ने इतनी बड़ी कामयाबी हासिल की है।
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