Chandigarh Man Discovers Old Reliance Share: आपको अपने ही घर में रखे पुराने कागज़ों के बीच एक ऐसा दस्तावेज मिले, जिसकी कीमत आज लाखों में हो। चंडीगढ़ के रतन ढिल्लों के साथ कुछ ऐसा ही हुआ जब उन्हें 1987 और 1992 में खरीदे गए रिलायंस इंडस्ट्रीज के पुराने शेयर मिले। उस वक्त महज़ 10 रुपये के इन शेयरों की कीमत आज 12 लाख रुपये से ज्यादा हो चुकी है। लेकिन क्या वे अब भी इनके मालिक हैं? इस सवाल ने उन्हें बेचैन कर दिया। सोशल मीडिया पर मदद मांगते ही यह कहानी वायरल हो गई और लोगों ने इसे "किस्मत का खेल" बताया।
चंडीगढ़ के रैली ड्राइवर को मिले 1987 के रिलायंस के शेयर
चंडीगढ़ के एक व्यक्ति को अपने घर में रखे पुराने कागजात के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज के 1987 और 1992 के दो शेयर सर्टिफिकेट मिले। ये शेयर उस समय महज 10 रुपये में खरीदे गए थे। लेकिन समय के साथ हुए बोनस और स्टॉक स्प्लिट के कारण इन शेयरों की संख्या अब 960 हो गई है। मौजूदा शेयर बाजार दर के हिसाब से इनकी कीमत करीब 12 लाख रुपये से ज्यादा बताई जा रही है। यह जानकारी खुद शेयर मालिक रतन ढिल्लों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दी। उन्होंने पोस्ट में बताया कि उन्हें शेयर बाजार की ज्यादा जानकारी नहीं है और इस मामले में विशेषज्ञों की मदद चाहते हैं। उन्होंने रिलायंस ग्रुप के आधिकारिक अकाउंट को टैग करते हुए पूछा कि क्या वे अब भी इन शेयरों के मालिक हैं या नहीं।
शेयरों की मौजूदा कीमत और सरकार का दखल
ढिल्लों की पोस्ट पर एक अन्य सोशल मीडिया यूजर ने जवाब देते हुए कैलकुलेशन की कि कई सालों में तीन बार स्टॉक स्प्लिट और दो बार बोनस शेयर जारी होने की वजह से उनके 30 शेयर अब 960 हो चुके हैं। बुधवार के बाजार बंद होने तक रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों की कीमत के आधार पर इनकी कुल वैल्यू 12 लाख रुपये से अधिक हो गई। इस मामले में इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड अथॉरिटी (IEPFA) ने भी जवाब दिया। उन्होंने बताया कि अगर ये शेयर लंबे समय तक अनक्लेम रहे होंगे तो वे सरकार के IEPF फंड में ट्रांसफर किए जा चुके होंगे। उन्होंने ढिल्लों को IEPF की नई सर्च फैसिलिटी का उपयोग कर शेयरों की स्थिति जांचने की सलाह दी। हालांकि जब ढिल्लों को वहां कोई जानकारी नहीं मिली तो IEPFA ने उनसे उनकी फोलियो डिटेल्स और संपर्क जानकारी मांगी ताकि वे आगे मदद कर सकें।
ब्रोकरेज फर्म भी आई मदद के लिए आगे
ढिल्लों के इस पोस्ट के वायरल होने के बाद देश की प्रसिद्ध ब्रोकरेज कंपनी Zerodha भी उनकी मदद के लिए आगे आई। Zerodha ने ढिल्लों को उनके शेयर वेरिफाई करने और उन्हें वापस पाने में सहायता करने की पेशकश की। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर ढिल्लों के शेयर अभी भी उनके नाम पर दर्ज हैं तो उन्हें डिमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं। हालांकि अगर वे IEPF फंड में जा चुके हैं तो उन्हें वापस पाने के लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी करनी होगी, जिसमें दस्तावेजों की जांच और कानूनी प्रक्रिया शामिल होगी।
सोशल मीडिया पर मजेदार प्रतिक्रियाएं
ढिल्लों की कहानी सुनकर सोशल मीडिया यूजर्स ने मजेदार प्रतिक्रियाएं दीं। एक यूजर ने लिखा, "भाई लॉटरी लग गई आपकी!" वहीं दूसरे यूजर ने सलाह दी कि वे इन शेयरों को डिमैट में ट्रांसफर करने की बजाय रेमैट फॉर्म में ही रखें ताकि वे जल्दी बेचने का लालच न करें और आगे भी मुनाफा कमा सकें। एक अन्य यूजर ने मजाकिया अंदाज में लिखा, "रतन भाई, घर अच्छे से छान लो क्या पता MRF के शेयर भी मिल जाएं!" इस पूरे मामले ने यह साबित कर दिया कि समय के साथ सही निवेश कितनी बड़ी संपत्ति बना सकता है, भले ही निवेशक को इसकी जानकारी तक न हो।