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‘क्या फर्जी वोटर्स को मतदान करने दें?’ बिहार में SIR पर CEC ज्ञानेश कुमार का राजनीतिक दलों से सवाल

SIR electoral revision Bihar: बिहार में एसआईआर को लेकर बवाल मचा हुआ है। इस बीच मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बड़ा बयान दिया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि क्या मरे हुए वोटर्स को लिस्ट से हटाना गलत है। क्या विदेशी वोटर्स भारत में वोट डालेंगे?

भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार (Pic Credit-Social Media X)
Gyanesh Kumar fake voters remark: बिहार में एसआईआर के मुद्दे पर जमकर बवाल मचा हुआ है। विपक्ष नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की अगुवाई में आयोग और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। इस बीच मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार का बयान सामने आया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि मृत वोटर्स को वोटर लिस्ट से हटाना क्या गलत है? क्या फर्जी मतदान होना चाहिए? उन्होंने कहा कि राजनीतिक विचारधारा से परे हटकर इस पर मंथन होना चाहिए। भारत का संविधान लोकतंत्र की जननी है।

26 जुलाई है वेरिफिकेशन की आखिरी तारीख

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि क्या स्थायी तौर जो लोग बिहार को छोड़ कर जा चुके हैं ऐसे लोगों को हटाना गलत है। क्या विदेशी वोटर्स भारत में वोट करें यह ठीक होगा? क्या चुनाव आयोग राजनीतिक दलों और उनके सवालों से डर जाएं? बता दें कि बिहार एसआईआर पर वोटर वेरिफिकेशन का आखिरी दिन 26 जुलाई है। इसके बाद 2 अगस्त को चुनाव आयोग आखिरी मसौदा सूची प्रकाशित करेगा। इससे पहले चुनाव आयोग को 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की परीक्षा भी पास करनी होगी। एसआईआर के मुद्दे पर करीब 12 याचिकाओं को मर्ज कर कोर्ट सुनवाई कर रहा है। बता दें कि इस मामले में बुधवार को बिहार विधानसभा में सुनवाई हुई। इस दौरान सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच जमकर बहस भी हुई। हालांकि सीएम नीतीश ने तेजस्वी के बयान पर एसआईआर को लेकर कोई बयान नहीं दिया। इसके बाद सदन को हंगामे के बाद स्थगित कर दिया गया था। ये भी पढ़ेंः ‘सिर्फ 10% लोग शासन करना चाहते हैं…’ बिहार में चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया पर क्या बोले कांग्रेस सांसद

बिहार चुनाव का बहिष्कार कर सकता है विपक्ष

उधर हंगामे के बाद मीडिया को संबोधित करने पहुंचे तेजस्वी यादव ने कहा कि गठबंधन सहयोगियों के साथ चर्चा करने के बाद हम बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर सकते हैं। इससे पहले उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि आयोग बीजेपी और सत्तारूढ़ दलों के इशारे पर काम कर रहा है। तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर राज्य में चुनाव पक्षपातपूर्ण और जोड़-तोड़ के तरीको से कराया जाएगा और यह पहले से तय है कि कौन-कितनी सीटें जीतेगा तो ऐसे चुनाव कराने का क्या फायदा? तेजस्वी ने आगे कहा कि हम लोगों और सहयोगियों से फीडबैक लेने के बाद विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर सकते हैं। ये भी पढ़ेंः बिहार में 52 लाख मतदाता वोटर लिस्ट से बाहर, SIR पर आया बड़ा अपडेट


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