TrendingMaha Kumbh 2025Delhi Assembly Elections 2025bigg boss 18Republic Day 2025Union Budget 2025

---विज्ञापन---

भारत में विवाद: 1951 के बाद नहीं हुई जातिगत जनगणना, पढ़िए 150 साल की कहानी

Indias caste census controversy: भारत में बिहार के जातिगत जनगणना आंकड़े सार्वजनिक हुए हैं। जिसके बाद इस पर पीएम मोदी ने भी तल्ख टिप्पणी की है। बिहार की कुल आबादी यानी 13 करोड़ लोगों में किस जाति की संख्या कितनी है, इसको लेकर विस्तृत ब्योरा दिया गया है। जिसके बाद सामने आया है कि यहां […]

Indias caste census controversy: भारत में बिहार के जातिगत जनगणना आंकड़े सार्वजनिक हुए हैं। जिसके बाद इस पर पीएम मोदी ने भी तल्ख टिप्पणी की है। बिहार की कुल आबादी यानी 13 करोड़ लोगों में किस जाति की संख्या कितनी है, इसको लेकर विस्तृत ब्योरा दिया गया है। जिसके बाद सामने आया है कि यहां पर सामान्य वर्ग के लोग 15.52 फीसदी हैं। पिछड़ा वर्ग के लोग 27.13 प्रतिशत, अति पिछड़ा वर्ग के 36.01 फीसदी लोग हैं। जिसके बाद लगातार देश में मांग उठने लगी है कि पूरे देश की जातीय जनगणना करवाई जाए। मामले में राजनीति भी चरम पर है। यह भी पढ़ें-मेरे पति को मार दो, सिर्फ तुम्हारी बनकर रहूंगी…क्लर्क की पत्नी के इश्क में ‘कातिल’ बना दोस्त लेकिन जातिगत जनगणना का इतिहास भी जानने की जरूरत हैं। सबसे पहले अंग्रेजों ने 1872 में जातिगत जनगणना करवाई थी। जिसके बाद ये सिलसिला लगातार 1931 तक चला था। जिसमें जातियों के हिसाब से आंकड़े जारी किए गए थे। लेकिन आजादी के बाद 1951 में पहली बार आजाद भारत की जनगणना हुई थी। इसमें जातिगत आंकड़ों को सीमित कर दिया गया था। सिर्फ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को ही शामिल किया गया था।

क्यों नहीं हो सका जनगणना पर फैसला

इसके बाद भारत में जनगणना तो हुई। लेकिन जातिगत जनगणना कभी भी सरकार ने नहीं करवाई। जनगणना 1961, 1971, 1981, 1991, 2001 और 2011 में करवाई गई। लेकिन बताया जाता है कि पीएम मनमोहन के कार्यकाल में जो 2011 में जनगणना हुई, उसमें जाति के हिसाब से आंकड़े दर्ज किए गए थे। लेकिन इस डाटा को कभी पब्लिकली नहीं किया गया। 2021 में होने वाली जनगणना को कोरोना के चलते टाल दिया गया था। देश के 150 साल के इतिहास में ये पहली बार हुआ है। लेकिन अब कोरोना लगभग खत्म हो चुका है। लेकिन सरकार जनगणना को लेकर अभी फैसला नहीं ले पाई है।

भारत जनसंख्या में चीन से आगे

संविधान में अनुच्छेद 246 को जनगणना से जोड़ा गया है। लेकिन इसमें ये जिक्र नहीं है कि जनगणना कब होगी। कितना अंतर रहेगा। सेंसस ऑफ इंडिया एक्ट 1948 में भी इस बाबत कोई प्रावधान नहीं किया गया है। 1872 के बाद अंग्रेज हर 10 साल में काउंटिंग करवाते थे। उसी रूल को अब फॉलो किया जाता है। दुनिया के अधिकतर देशों में हर 10 साल में काउंटिंग होती है। लेकिन ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में 5 साल पर भी काउंटिंग होती है। चूंकि 2021 में काउंटिंग हुई नहीं है। इसलिए वास्तविक आबादी के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन संयुक्त राष्ट्र की ओर से कहा गया था कि जिस हिसाब से भारत की जनसंख्या बढ़ रही है। उस हिसाब से भारत 2023 में चीन को पीछे छोड़ देगा। अभी माना जा रहा है कि भारत की जनसंख्या 142 करोड़ से अधिक हो चुकी है।


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.