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दिल्ली की सुरक्षा को और मजबूत बनाएगा ‘कैपिटल डोम’, साल 2026 में गणतंत्र दिवस समारोह पर होगा ट्रायल

जब दो देशों के बीच युद्ध की शुरुआत होती है तो सबसे पहले देश की राजधानी को सुरक्षित घेरे में रखने का प्लान तैयार किया जाता है. आपको याद होगा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की तरफ से लगातार राजधानी दिल्ली को निशाना बनाने की कोशिश की गई थी. हालांकि जब पाकिस्तान की तरफ से दिल्ली की तरफ मिसाइल दागी जा रही थी तो उसकी सभी मिसाइलों को भारत की स्वदेशी एयर डिफेंस हवा में ही मार गिरा दे रही थी और अब भविष्य के युद्ध को देखते हुए राजधानी दिल्ली की सुरक्षा और ज्यादा मजबूत करने का प्लान तैयार कर लिया गया है.

जब दो देशों के बीच युद्ध की शुरुआत होती है तो सबसे पहले देश की राजधानी को सुरक्षित घेरे में रखने का प्लान तैयार किया जाता है. आपको याद होगा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की तरफ से लगातार राजधानी दिल्ली को निशाना बनाने की कोशिश की गई थी. हालांकि जब पाकिस्तान की तरफ से दिल्ली की तरफ मिसाइल दागी जा रही थी तो उसकी सभी मिसाइलों को भारत की स्वदेशी एयर डिफेंस हवा में ही मार गिरा दे रही थी और अब भविष्य के युद्ध को देखते हुए राजधानी दिल्ली की सुरक्षा और ज्यादा मजबूत करने का प्लान तैयार कर लिया गया है.

आपको बता दें कि राजधानी दिल्ली की सुरक्षा और भी अत्याधुनिक तरीके से की जाएगी और इस सुरक्षा को नाम दिया गया है ‘कैपिटल डोम’. इस नाम का मतलब विशाल गुंबद होता है.

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कैपिटल डोम की सुरक्षा दिल्ली के लिए लेने का एक मात्र मकसद दिल्ली को सभी तरह से हवाई हमले, ड्रोन हमले से सुरक्षित रखने का है. इस सुरक्षा को प्रयोग आने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में एक ट्रायल के तौर पर किया जाएगा. अगर यह ट्रायल सफल हुआ तो साल 2035 तक इस सुरक्षा कवच को पूरे देश में तैनात कर दिया जाएगा. यह कवच यानी कैपिटल डोम को डीआरडीओ ने बनाया है और यह तीन चक्र की सुरक्षा कवच देगी. यानी पहले की जो सुरक्षा व्यवस्था है वह बाहरी कोण में होगी, दूसरी सुरक्षा व्यवस्था बीच कोण (मिडिल रिंग) और तीसरी सुरक्षा व्यवस्था दोनों कोण यानी बाहरी और बीच को घेर कर प्रदान की जाएगी.

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इन सुरक्षा कवच को सरकारी इमारतों जहां आतंकियों की सबसे पहले नजर रहती है, एयरपोर्ट और दूसरे संवदेनशील जगहों पर तैनात किया जाएगा. सभी सुरक्षा घेरे में सेंसर लगे रहेंगे, ताकि दूर से ही दुश्मन की पहचान कर ली जाए.

इसके अलावा दुश्मन की मिसाइलों, ड्रोन, लड़ाकू विमानों और लेटरिंग एम्युनिशन को हवा में ही तबाह करने की क्षमता से लैस किया जाएगा. इतना ही नहीं कैपिटल डोम सिस्टम में जैमिंग और लेजर तकनीक भी होगा, जो दुश्मन के सभी हमलों को पल भर में नष्ट कर सकेगा.

डीआरडीओ सूत्रों के मुताबिक कैपिटल डोम सिस्टम पूरी तरह से स्वदेशी है और कैपिटल डोम के लगने के बाद दिल्ली दुनिया की सबसे सुरक्षित राजधानियों में शामिल होगी, जहां हर तरह के हवाई खतरे से निपटने की पूरी तैयारी होगी.


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