Owaisi: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र के नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) पर रोक लगाने वाली एक याचिका शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर की. कोर्ट को दी अर्जी में उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार CAA और NRC का नापाक संबंध बनाना चाहती है।
खासकर NRC के जरिए मुसलमानों को निशाना बनाने की योजना है. ओवैसी ने अदालत से कार्यवाही लंबित रहने तक नागरिकता के आवेदनों पर विचार न करने का निर्देश देने की मांग की. सुप्रीम कोर्ट 19 मार्च को CAA याचिका पर सुनवाई करेगा.
हेमंत बिस्व सरमा पर भी 'हमलावर' रहे हैं ओवैसी
इसके पूर्व ओवैसी ने CAA को लेकर असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा पर भी हमला बोला था. एक पब्लिक मीटिंग के दौरान उन्होंने कहा कि असम के सीएम कहते हैं कि राज्य में हुए एनआरसी एनआरसी में लिस्टेड 12 लाख हिंदुओं को CAA के तहत भारतीय नागरिकता दी जाएगी लेकिन 1.5 लाख मुसलमानों का क्या दोष है?
हालांकि NRC को लेकर असदुद्दीनओवैसी का यह हो-हल्ला उस समय सामने आ रहा है जब इसे लेकर खुद कई मुस्लिम स्कॅालरों ने अपना समर्थन जताना शुरू कर दिया है. ऐसे ही एक स्कॉलर डॉ. फिरोज बख्त अहमद, पूर्व चांसलर मौलाना आजाद विश्वविद्यालय (MAANU) ने कहा कि CAA के इस कानून में मुस्लिमों के लिए कुछ भी गलत नहीं है. न ही इसमें विरोध करने जैसी कोई बात है.
उन्होंने कहा कि हर ओर CAA को लेकर इस तरह का माहौल बनाया जा रहा है कि इस कानून से एक समूदाय विशेष को परेशानी होगी. पर जब इसमें ऐसा कुछ है ही नहीं तो इसपर बहस क्यों? कहा कि यह कानून नागरिकता देने वाला है न कि लेने वाला.