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इमरजेंसी में बैन हुई थी मनोज कुमार की यह मूवी, अमिताभ बच्चन से भी कनेक्शन

बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर मनोज कुमार का मुंबई के कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल में निधन हो गया। इमरजेंसी में उनकी फिल्म रोटी कपड़ा और मकान बैन हो गई थी। कहा जाता है कि इस मूवी से ही अमिताभ बच्चन को पहचान मिली थी। 

बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर और डायरेक्टर मनोज कुमार ने दुनिया को अलविदा कह दिया। 87 साल की उम्र में उनका शुक्रवार तड़के निधन हो गया, जिससे उनके फैंस शोक में हैं। भारत कुमार के नाम से मशहूर मनोज कुमार अपनी फिल्मों में देशभक्ति के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों को उठाते थे। उनकी फिल्में समाज को पॉजिटिव मैसेज देती हैं। मनोज न सिर्फ देशभक्ति की फिल्में बनाते थे, बल्कि वे असल जिंदगी में भी अन्याय के खिलाफ खड़े होने से नहीं हिचकते थे। देश में 1975-1977 के बीच लगी इमरजेंसी के दौरान एक्टर मनोज कुमार ने अपनी निडरता और सामाजिक जागरूकता का परिचय दिया था। इमरजेंसी से ठीक पहले उनकी फिल्म 'रोटी कपड़ा और मकान' साल 1974 में रिलीज हुई थी, लेकिन इसका प्रभाव और संदेश इमरजेंसी के दौरान चर्चा का विषय बन गया। यह फिल्म गरीबी, बेरोजगारी और सामाजिक असमानता जैसे मुद्दों को बेबाकी से पेश करती थी, जो उस समय की सरकार की नीतियों पर अप्रत्यक्ष रूप से सवाल उठाते थे। इस फिल्म में एक्टर अमिताभ बच्चन ने भी अहम किरदार निभाया था, जिससे उन्हें फिल्म जगत में एक नई पहचान मिली थी। यह भी पढे़ं : भगत सिंह की मां ने मनोज कुमार को ऐसा क्या कहा? भावुक हुए ‘भारत कुमार’

इमरजेंसी में कुछ समय के लिए बैन हुई थी 'रोटी कपड़ा और मकान'

'रोटी कपड़ा और मकान' फिल्म में मनोज कुमार ने भारत नाम के एक किरदार को निभाया था, जो समाज में फैली कुरीतियों और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता है। इस फिल्म का गाना 'महंगाई मार गई' उस दौर की आर्थिक तंगी और जनता की परेशानियों को बयां करता था। कुछ सूत्रों के अनुसार, इस फिल्म को इमरजेंसी के दौरान कुछ समय के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था, लेकिन इसे लेकर आधिकारिक दस्तावेज कम उपलब्ध हैं। बाद में मनोज कुमार ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी फिल्म को सेंसर बोर्ड ने कई कट्स के साथ पास करने की कोशिश की थी, लेकिन वे अपने मैसेज को कमजोर नहीं करना चाहते थे।

इस फिल्म ने दिलाया था सर्वश्रेष्ठ डायरेक्टर का फिल्मफेयर पुरस्कार

मनोज कुमार का यह रुख उनके साहस को दर्शाता है। जहां उस समय कई फिल्ममेकर डर के मारे चुप्पी साध गए थे तो वहीं मनोज कुमार ने अपनी एक्टिंग के जरिए सच बोलने की हिम्मत दिखाई। उनकी यह फिल्म न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर हिट रही, बल्कि उन्हें सर्वश्रेष्ठ डायरेक्टर का फिल्मफेयर पुरस्कार भी दिलाया। इमरजेंसी के बाद भी उनकी छवि एक ऐसे कलाकार की बनी रही, जो सत्ता के सामने झुकने के बजाय जनता की आवाज उठाता है। यह भी पढे़ं : मनोज कुमार के परिवार में कौन-कौन? एक मेंबर का एक्ट्रेस श्रीदेवी से रहा खास कनेक्शन


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