नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजिलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को केंद्रीय जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के मुद्दे को उच्चतम न्यायालय में ले जाने के लिए राजनीतिक दलों की आलोचना की। ओवैसी ने विपक्षी नेताओं के इस कदम को गलत बताया है।
यह राजनीति करने का सही तरीका नहीं-ओवैसी
ओवैसी ने कहा कि विपक्षी दलों को इसे जनता के बीच ले जाना चाहिए था और उन्हें यह बताना चाहिए था कि कैसे भारतीय जनता पार्टी "एजेंसियों का उपयोग करके हिसाब बराबर कर रही है"। यह राजनीति करने का सही तरीका नहीं है। इसने भारतीय जनता पार्टी को मौका दे दिया है। वह कहेगी कि सुप्रीम कोर्ट ने उसके कदम का समर्थन किया है।
कांग्रेस के नेतृत्व में कम से कम 14 राजनीतिक दलों ने संयुक्त रूप से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों के मनमाने इस्तेमाल का आरोप लगाया गया था। और उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को नियंत्रित करने के लिए नए दिशानिर्देशों की मांग की थी। शीर्ष अदालत ने यह कहते हुए याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया कि बिना किसी आपराधिक मामले के तथ्यों के दिशा-निर्देश देना "खतरनाक" होगा।
बीजेपी को मिलेगा मौका
याचिका पर विचार करने से सुप्रीम कोर्ट के इनकार पर उनकी प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा, 'यह एक गलत कदम था। यह राजनीति करने का सही तरीका नहीं है जब हम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा जैसे दुर्जेय प्रतिद्वंद्वी का सामना कर रहे हैं। लोकसभा सदस्य ने कहा कि विपक्षी दलों का सुप्रीम कोर्ट जाना एक नासमझी भरा फैसला था। अब इसने बीजेपी को यह कहने का मौका दिया है कि 'हम जो भी कर रहे हैं सुप्रीम कोर्ट हमारा समर्थन कर रहा है'।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पर्दीवाला की पीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा कि आप कृपया तब हमारे पास आएं जब आपके पास कोई व्यक्तिगत आपराधिक मामला या मामले हों।