BJP vs Congress: आज देश में भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी तकरार चल रही है। सोशल मीडिया पर गुवाहाटी में कांग्रेस नेता रीतम सिंह की गिरफ्तारी होने के बाद बवाल मचा है। इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के बीच जुबानी जंग चल रही है। असम कांग्रेस के प्रवक्ता रीतम सिंह को शनिवार को लखीमपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने उनकी एक सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ आई शिकायत के आधार पर उन्हें गुवाहाटी में उनके रूप नगर स्थित आवास से गिरफ्तार किया और उन्हें पुलिस थाने ले गई। इसके बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के बीच सोशल मीडिया पर तीखी नोकझोंक हुई। दोनों ने एक दूसरे से तीखे सवाल किए और एक दूसरे को सवालों का करारा जवाब भी दिया।
असम के मुख्यमंत्री ने अपनी पोस्ट में यह लिखा
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रीतम सिंह की गिरफ्तारी पर अपने X हैंडल पर पोस्ट लिखी। इसमें उन्होंने गिरफ्तारी को अत्याचार से भी बदतर बताया, जबकि सरमा ने कानूनी आधार का हवाला देते हुए पुलिस के गिरफ्तारी वाले कदम का बचाव किया। सरमा ने रमेश पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि जयराम रमेश और कांग्रेस दलित महिला के पति के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को उचित ठहरा रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गौरव गोगोई के ISI और पाकिस्तान से जुड़े होने के बारे में एक बड़े खुलासे की भी चेतावनी दी।
हिमंत बिस्वा ने कहा कि मामला एक दलित महिला के जाति आधारित अपमान से संबंधित है। अगर आप एक दलित महिला के पति को बलात्कारी कहने को उचित ठहराते हैं तो यह इस बात को प्रमाण है कि आप कांग्रेस पार्टी को किस दिशा में ले जा रहे है। अब बस इंतजार करें, बड़ा खुलासा अभी होना बाकी है। आपके वरिष्ठ नेता की ISI और पाकिस्तान के साथ सांठगांठ सितंबर तक उजागर हो जाएगी।
जयराम रमेश ने सरमा के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेता को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा कहकर संबोधित किया और उन पर राजनीतिक बदला लेने के लिए पुलिस का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा कि श्रीमान निवर्तमान मुख्यमंत्री, वास्तविक मुद्दे से ध्यान भटकाना बंद करें। आपके द्वारा अपने सहयोगियों को लाभ पहुंचाने तथा अपने विरोधियों को फंसाने के लिए व्यक्तिगत रूप से पुलिस शक्तियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता रीतम सिंह को क्यों हुए गिरफ्तार?
रिपोर्ट के अनुसार, रीतम सिंह ने गत 13 मार्च को एक्स हैंडल पर एक पोस्ट लिखी थी। इसमें उन्होंने लिखा था कि इन 3 दोषियों को वह सजा मिली, जिसके वे हकदार थे, लेकिन असम भाजपा ने मनब डेका, पूर्व पार्टी अध्यक्ष भाबेश कलिता, पूर्व मंत्री राजेन गोहेन जैसे मंत्रियों और विधायकों के साथ क्या किया? क्या कानून सबके लिए समान है? भाजपा विधायक मनब डेका की पत्नी ने इस पोस्ट को लेकर रीतम सिंह के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी।
जैसे ही पुलिस रीतम सिंह के घर पहुंची, उन्होंने कई ट्वीट करके पुलिस पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया और अपनी X पोस्ट में दावा किया कि पुलिस ने गिरफ्तारी वारंट नहीं दिखाया। लखीमपुर पुलिस और असम पुलिस की एक टीम मुझे बिना वारंट और नोटिस के गिरफ्तार करने आई है। उन्हें गुवाहाटी उच्च न्यायालय का वह फैसला भी दिखाया, जिसमें पुलिस के लिए नोटिस देना अनिवार्य कर दिया गया है। @HardiSpeaks @DGPAssamPolice वारंट और नोटिस के बिना गिरफ्तारी न्यायमूर्ति मृदुल कुमार कलिता के फैसले की अवमानना होगी।