Atul Subhash Suicide Case: अपनी पत्नी के खिलाफ प्रताड़ना के आरोप लगाकर पिछले साल बेंगलुरु के टेक इंजीनियर अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर ली थी। उनकी मां ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दाखिल कर अपने 4 साल के पोते की कस्टडी की डिमांड की थी। अब सुप्रीम कोर्ट से उनको बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने बच्चे की कस्टडी उसकी मां निकिता सिंघानिया को सौंप दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने दादी अंजू देवी की मांग खारिज कर दी है।
इससे पहले जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने सुनवाई शुरू होते ही सुभाष के 4 साल के बेटे को 30 मिनट के अंदर वीडियो लिंक के जरिए कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए। दूसरी बार न्यायालय ने बच्चे को देखने की मांग की थी। सिंघानिया के वकील ने कोर्ट को इस महीने की शुरुआत में जानकारी दी थी कि बच्चा हरियाणा के फरीदाबाद जिले में एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा है। उसकी मां अब बच्चे को लेकर बेंगलुरु जाएगी।
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वहीं, अंजू देवी के वकील दुष्यंत सिंह ने बच्ची की कस्टडी दादी को देने की डिमांड की। कोर्ट को बताया गया कि बहू उनसे अलग रह रही है, जिसने बच्चे का पता छिपा रखा है। निकिता को 6 साल की उम्र से पहले बच्चे को बोर्डिंग स्कूल में नहीं भेजना चाहिए था। कोर्ट में कुछ तस्वीरें भी पेश की गई थीं, जिनमें याचिकाकर्ता कुछ साल के बच्चे के साथ दिख रही थीं। मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी, जिसमें बच्चे को कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए गए हैं।
वीडियो लिंक के जरिए हुई बच्चे की पेशी
कोर्ट ने कहा कि मामले का फैसला मीडिया ट्रायल के आधार पर नहीं किया जा सकता। इससे पहले जस्टिस नागरत्ना ने बच्चे को पेश नहीं करने पर नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने 30 मिनट के भीतर उसे वीडियो लिंक के जरिए पेश करने के आदेश दिए। बच्चे को पेश करने के बाद कोर्ट ने उसकी कस्टडी मां निकिता को सौंप दी।
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सुनवाई शुरू होने पर याचिकाकर्ता ने हलफनामा दायर करने के लिए एक सप्ताह की डिमांड की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। पिछले साल 9 दिसंबर को सुभाष ने बेंगलुरु स्थित फ्लैट में फंदा लगा लिया था। सुभाष ने अपनी पत्नी निकिता, सास निशा और साले अनुराग पर गंभीर आरोप लगाए थे। मामले में आरोपियों को बेल मिल चुकी है।