बाबा रामदेव बोले- सनातन को बदनाम करने के लिए विदेश से मिल रही सुपारी, 2024 में सब बन जाएंगे भूत-पिशाच और राक्षस
रामदेव
Ramdev said Agenda is running from abroad to defame Sanatana: तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने अभी कुछ दिन पहले सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। इसके बाद से ही उनके विरोध में अवाज उठ रही हैं। इसी के साथ पतंजलि कंपनी के मालिक और योग गुरु बाबा रामदेव ने सनातन के खिलाफ बोलने वालों पर हमला बोला है। रामदेव ने कहा कि जो लोग सनातन को गालियां दे रहे हैं, उन्हें विदेश से सुपारी मिल रही है। जो सनातन को खत्म करने की बात कर रहे हैं वो 2024 में खत्म हो जाएंगे। उनमें से कुछ भूत-पिशाच, राक्षस और ब्रह्मराक्षस बनकर दूसरे-तीसरे लोक में सिधार जाएंगे।
सनातन विरोधी 2024 में बन जाएंगे भूत-पिशाच और राक्षस
बाबा रामदेव ने सनातन धर्म को जातिसूचक बताए जाने को लेकर कहा कि ये सनातन का गौरवकाल है। गुलामियों की निशानियों को मिटाकर, आत्मग्लानि की कुंठाओं से उभर कर देश को शौर्य और वीरता के पराक्रम के साथ आगे बढ़ाने के संकल्प का काल है। जो सनातन को गलियां दे रहे हैं, सनातन को खत्म करने की बात कर रहे हैं, वो 2024 में खत्म हो जाएंगे। उन सबका मोक्ष हो जाएगा। उनमें से कुछ भूत-पिशाच, राक्षस और ब्रह्मराक्षस बनकर दूसरे-तीसरे लोक में सिधार जाएंगे।
सनातन को बदनाम करने के लिए विदेश से मिल रही सुपारी
बाबा रामदेव ने कहा कि जिस तरह से लोग सनातन पर लांछन लगाकर उसे जातिवादी बताते हैं और भेदभाव और अन्याय वाला बताते हैं। वो कुठिंत बुद्धि वाले विदेशी ताकत से सुपारी लेकर सनातन को खत्म करने की बात करते हैं। ब्राह्मण का अर्थ जाति नहीं है, इसका मतलब है-जो अज्ञान को मिटाए, क्षत्रिय का अर्थ है-जो अन्याय को मिटाए, वैश्य का अर्थ है-जो अभाव को मिटाए, शूद्र का अर्थ है-जो असुचिता को मिटाकर, सुचिता के प्रतिमान गढ़े। सनातन जातिसूचक नहीं है। ये सब शब्द कर्म, योग्यता और सामर्थ्य सूचक शब्द हैं।
सनातन को एजेंडे के तहत किया जा रहा है बदनाम
रामदेव ने आगे कहा कि जो सनातन पर दोष मढ़ रहे हैं, वो भारत विरोधी और सनातन विरोधी हैं। ये एजेंडे के तहत भारत और उसकी परंपराओं को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। भारत हजारों वर्षों पुरानी संस्कृति का उद्घोषक है, हम भारत वाले हैं। इंडिया में जिनके डीएनए में गड़बड़ी है, उनको इंडिया शब्द अच्छा लगता है। हम तो वो जिन्होंने तीस साल पहले 'मेड इन भारत' लिखा था।
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