Manipur Violence: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दौरे से पहले भारतीय सेना ने मणिपुर में गुरुवार को दंगाइयों की बड़ी प्लानिंग को नाकाम कर दिया। सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि असलहों से लैस दंगाइयों ने गुरुवार सुबह कांगपोकपी जिले में सुरक्षा बलों पर उस समय गोलीबारी की, जब जवान एक गांव की ओर जा रहे थे।
प्रवक्ता ने कहा कि सैनिकों ने सुनियोजित तरीके से जवाब दिया। इसके बाद दंगाई भाग खड़े हुए। कुछ दंगाइयों के हताहत होने की सूचना है, लेकिन अभी पुष्टि नहीं हो सकी है। इलाके में बड़े पैमाने पर भीड़ जुटी है। भीड़ पर पैनी नजर रखी जा रही है।
मौके पर अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात
सेना ने प्रवक्ता ने बताया कि गुरुवार सुबह 5:30 बजे गोलीबारी और हिंसा की सूचना मिलने के बाद जवान हरावठेल गांव की ओर जा रहे थे। रास्ते में दंगाइयों ने जवानों पर हमला कर दिया। जवानों ने सुनियोजिक तरीके से दंगाइयों को मुंहतोड़ जवाब दिया। आखिरकार दंगाइयों ने गोलीबारी बंद कर दी और मौके से भाग निकले। इस घटना के बाद मौके पर अतिरिक्त टुकड़ियां भेजी गई है।
अब तक 115 लोग मारे गए
मणिपुर में तीन मई को चुराचांदपुर शहर में हिंसा भड़की थी। मैतेई समुदाय के आरक्षण की मांग के विरोध में कुकी समूहों ने मार्च निकाला था। उसी वक्त झड़प के बाद हिंसा भड़की थी। अब तक करीब 115 लोग मारे गए हैं और लगभग 40,000 लोग विस्थापित हुए हैं। हिंसा के दौरान पुलिस से 3500 हथियार लूट लिए गए। इनमें से 1700 के आसपास हथियार वापस आए हैं।
सेना ने सोमवार को एक वीडियो जारी किया, जिसमें महिलाएं दंगाइयों को भागने में मदद कर रही थीं। सेना के ऑपरेशन में हस्तक्षेप कर रही थीं। रसद की आवाजाही को रोक रही थीं।
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