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उस दिन देर शाम तक न सुनवाई होती, न सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति लटकती!

प्रभाकर कुमार मिश्रा, दिल्ली: 26 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट कोलिजियम की मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में सुप्रीम कोर्ट के लिए ग्यारह जजों के नामों पर चर्चा होनी थी। चर्चा हुई और बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में प्रोन्नति पर कोलिजियम ने मुहर लगा दी। लेकिन […]

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प्रभाकर कुमार मिश्रा, दिल्ली: 26 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट कोलिजियम की मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में सुप्रीम कोर्ट के लिए ग्यारह जजों के नामों पर चर्चा होनी थी। चर्चा हुई और बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में प्रोन्नति पर कोलिजियम ने मुहर लगा दी। लेकिन कोलिजियम के कुछ सदस्यों ने बाकी 10 नामों पर विचार के लिए और समय मांगा। कोलिजियम के सदस्य उन जजों के लिखे गए कुछ और फैसलों को देखना चाहते थे। सुप्रीम कोर्ट के जज की नियुक्ति से पहले कोलिजियम जज के लिखे हुए फैसलों का मूल्यांकन करता है। कोलिजियम की अगली बैठक 30 सितंबर को साढ़े चार बजे के लिए तय हुई। अभी पढ़ें Sena Vs Sena Row: उद्धव ठाकरे गुट को मिला ‘मशाल’ चुनाव चिन्ह, पार्टी को नया नाम भी मिला हाइकोर्ट्स और सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट कोलिजियम करती है। इसमें मुख्यन्यायाधीश के अलावा चार वरिष्ठ जज शामिल होते हैं। सीजेआई के बाद जस्टिस डी वाय चंद्रचूड़ वरिष्ठता क्रम में सबसे सीनियर हैं इसलिए वो भी सुप्रीम कोर्ट के कोलिजियम के सदस्य हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ को 30 सितंबर की कोलिजियम मीटिंग में भाग लेना था। लेकिन जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच उस दिन रात सवा नौ बजे तक सुनवाई करती रह गयी और कोलेजियम की मीटिंग नहीं हो सकी। चूंकि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ बैठक में शामिल नहीं हुए इसलिए सीजेआई ने कोलिजियम के चार सदस्य जजों जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस अब्दुल नज़ीर, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के.एम. जोसेफ को एक लिखित प्रस्ताव भेजा। उस प्रस्ताव में पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रविशंकर झा, पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल, मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पी वी संजय कुमार और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता के वी विश्वनाथन को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति की बात कही गयी थी। कोलिजियम के दो जजों जस्टिस कौल और जस्टिस जोसेफ ने इस प्रस्ताव पर सहमति दे दी लेकिन पूर्व निर्धारित नियम के मुताबिक कोलिजियम के सदस्यों से लिखित प्रस्ताव पर राय मांगने की व्यवस्था नहीं है इसलिए कोलिजियम के दो सदस्यों जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस नजीर ने सर्कुलेशन से जजों के चयन और नियुक्ति की इस प्रक्रिया पर आपत्ति जताई। दो जजों की आपत्ति के कोलिजियम ने एक प्रस्ताव में कहा है कि अब चूंकि नए मुख्यन्यायाधीश के नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गयी है इसलिए अब उन नामों पर मौजूदा कोलिजियम विचार नहीं करेगी। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर उस प्रस्ताव को सार्वजनिक किया गया है। अभी पढ़ें दिल्ली में पटाखों पर से प्रतिबंध हटाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने दायर की थी याचिका अब नए मुख्यन्यायाधीश की नियुक्ति तक इन जजों के नाम पर कोई फैसला नहीं होगा। मुख्यन्यायाधीश ललित 8 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं, वरिष्टता क्रम के मुताबिक जस्टिस चंद्रचूड़ अगले मुख्यन्यायाधीश बनने वाले हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के लिए जस्टिस ललित की अगुवाई वाले कोलिजियम के द्वारा प्रस्तावित इन चार नामों की नियुक्ति पर फिलहाल संशय के बादल घिर गए हैं। अभी पढ़ें –  देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें


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