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99 रुपये में मिलेगी शराब की बोतल, इस राज्य ने बदली आबकारी नीति; लाइसेंस को लेकर किए गए ये बड़े बदलाव

Andhra Pradesh New Liquor Policy: आंध्र प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश में नई शराब नीति लागू करने का ऐलान किया गया है। जिसका उद्देश्य अवैध शराब के कारोबार को रोकना और राजस्व बढ़ाना है। नई नीति में कई बदलाव किए गए हैं। विस्तार से इनके बारे में जानते हैं।

हरियाणा चुनाव के चलते दिल्ली और यूपी से सीमाई इलाकों में शराब की दुकानें बंद रहेंगी।
Andhra Pradesh News: आंध्र प्रदेश सरकार ने नई शराब नीति लागू करने का ऐलान किया है। कम इनकम वाले लोगों को अब सरकार सस्ते दामों पर शराब मुहैया करवाएगी। सरकार ने नई नीति में कई बदलाव किए हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य राजस्व को बढ़ाना है। सरकार मानकर चल रही है कि नई नीति के लागू होने से अवैध शराब के कारोबार पर लगाम लगेगी। नई नीति 12 अक्टूबर से लागू हो जाएगी। नई नीति के तहत शराब की बोतल 99 रुपये में लोग खरीद सकेंगे। यह भी पढ़ें:मां की हत्या के दोषी को मिली सजा-ए-मौत, कढ़ाई में पकाकर खाए थे शव के टुकड़े; जानें मामला हरियाणा और अन्य राज्यों की तर्ज पर सरकार ने खुदरा विक्रेताओं को भी शराब बेचने की अनुमति प्रदान कर दी है। सरकार को उम्मीद है कि नई नीति से लगभग 5500 करोड़ का रेवेन्यू मिलेगा। मंगलवार को नई नीति की अधिसूचना जारी की गई है। आबकारी नीति में कई बदलाव किए गए हैं। मुख्य फैसला शराब की खुदरा बिक्री का निजीकरण करना है। इसके लिए 3736 खुदरा दुकानों की अधिसूचना जारी की गई है।

अवैध कारोबार रोकने के लिए बड़ा कदम

आंध्र सरकार ने 99 रुपये या उससे कम कीमत की शराब भी पेश की है। सरकार अवैध शराब के कारोबार पर लगाम लगाना चाहती है। राष्ट्रीय स्तर पर शराब की आपूर्ति करने वाली कंपनियों को भी इस मूल्य पर अपने ब्रांड की शराब बेचने के लिए सरकार प्रोत्साहित करेगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच साल में प्रदेश में शराब की बिक्री में गिरावट आई है। अब सरकार को लग रहा है कि नई नीति के बनने के बाद आंध्र प्रदेश शराब के शीर्ष तीन शराब विक्रेता बाजारों में शामिल हो जाएगा। नीति की अवधि दो साल निर्धारित की गई है। खुदरा विक्रेताओं की अधिक भागीदारी बढ़ने का अनुमान सरकार जता रही है। पिछले पांच साल में आंध्र प्रदेश में शराब के दाम काफी बढ़े हैं। वहीं, स्थानीय कंपनियों को ही सरकार अधिक तरजीह दे रही थी। अब सरकार को उम्मीद है कि बीयर कंपनियां प्रदेश में हजारों करोड़ के निवेश के लिए तैयार हैं। कंपनियों की प्रत्येक भट्ठी के हिसाब से लागत देखी जाए तो फिलहाल 300 से 500 करोड़ है।

लॉटरी विधि से मिलेगा लाइसेंस

नई नीति के तहत लाइसेंस का आवंटन ऑनलाइन लॉटरी विधि से किया जाएगा। लाइसेंस लेने के लिए 4 श्रेणियां तय की गई हैं। जिसके लिए 50 लाख से 85 लाख रुपये फीस तय की गई है। दुकान मालिकों को फीस के हिसाब से 20 फीसदी मुनाफा मिलेगा। सरकार 12 प्रीमियम दुकानें खुलवाएंगी, जिसके लिए 5 साल का लाइसेंस जारी किया जाएगा। इसके लिए 1 करोड़ रुपये फीस तय की गई है। यह भी पढ़ें:हरियाणा के इस कांग्रेस प्रत्याशी की बढ़ीं मुश्किलें, हाई कोर्ट ने दिए गिरफ्तारी के आदेश; जानें क्या है मामला?


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