अमित शाह का बड़ा बयान, बोले- राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में हो रहा है ड्रग्स से कमाए धन का इस्तेमाल
चंडीगढ़: गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को बड़ा बयान दिया। चंडीगढ़ में वह बोले कि ड्रग्स से कमाए धन का इस्तेमाल राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में होता है।
उन्होंने कहा- नशीली दवाओं की बिक्री से प्राप्त धन का उपयोग राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए किया जाता है। आगे गृह मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद केंद्र सरकार ने ड्रग्स के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।
समाज पर प्रभाव
उन्होंने कहा कि ड्रग्स का यह मुद्दा हमारे समाज, अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा पर हानिकारक प्रभाव डाल रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की निगरानी में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा चंडीगढ़ से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 30000 किलोग्राम से अधिक जब्त की गई दवाओं को चार स्थानों पर नष्ट किया गया।
जीरो टॉलरेंस
गृहमंत्री बोले नशीले पदार्थों की तस्करी समाज के लिए खतरा है। किसी भी समृद्ध राष्ट्र को नशीले पदार्थों की तस्करी के प्रति जीरो टॉलरेंस रखना चाहिए। हमें नशीले पदार्थों की तस्करी पर लगाम लगाकर युवा पीढ़ी को बचाना है।
यह लोग रहे उपस्थित
कार्यक्रम में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के मुख्यमंत्री, चंडीगढ़ के प्रशासक, BSF, NIA व NCB के अधिकारियों के साथ ही राज्यों के ANTF प्रमुख और NCORD सदस्य भी उपस्थित थे।
गृह मंत्री ने यह कहा
इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ड्रग्स की तस्करी और प्रसार किसी भी समाज के लिए बहुत घातक होता है। ड्रग्स तस्करी के बाद जब उसका प्रसार समाज में होता है तो वो पीढ़ियों को खोखला कर देता है। यह दीमक की तरह देश और समाज की जड़ों को खोखला करने का काम करता है।
कोई भी स्वस्थ, समृद्ध, सक्षम और सुरक्षित राष्ट्र ड्रग्स तस्करी के ख़िलाफ़ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाए बिना अपने उद्देश्य सिद्ध नहीं कर सकता है। शाह ने कहा कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने सामाजिक कल्याण मंत्रालय, रेवेन्यू विभाग, स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग के साथ मिलकर इस लड़ाई को एनसीबी के माध्यम से लड़ना शुरू किया है। ये लड़ाई गृह मंत्रालय अकेला नहीं लड़ सकता। जो बच्चे नशे में डूब चुके हैं, हमें उन्हें भी बाहर निकालना है और इसके लिए सामाजिक न्याय मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय की भी ज़रूरत है।
आंकड़े पेश
अमित शाह ने कहा कि पिछले आठ सालों में मोदी के नेतृत्व में ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में शानदार नतीजे प्राप्त हुए हैं। 2006-2013 की तुलना में 2014-2022 के बीच पिछले 8 साल में लगभग 200 प्रतिशत ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। गिरफ्तारियों की संख्या में 260 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। क्वालिटी केसेज में 800 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा, जब्त किए गए ड्रग्स की मात्रा दोगुने से अधिक हुई है। 2006 से 2013 के बीच 1.52 लाख किलोग्राम मादकपदार्थ ज़ब्त हुए थे जबकि 2014 से 2022 के बीच 3.3 लाख किलोग्राम ड्रग्स पकड़ी गई है। ज़्यादा नुक़सान पहुंचाने वाले और शरीर और समाज को खोखला करने वाले मादक पदार्थों पर हमने ज्यादा कॉन्सेन्ट्रेट किया है। 2006 से 2013 तक 768 करोड़ रुपये का ड्रग्स पकड़ी गईं जबकि 2014 से 2021 के बीच 20 हज़ार करोड़ रुपये के ड्रग्स पकड़ कर उसे नष्ट करने का अभियान भारत सरकार चला रही है।
अभियान चलाया
बता दें कि केन्द्रीय गृह मंत्री के निर्देश पर 1 जून से 15 अगस्त तक 75 दिन के ड्रग्स नष्ट करने के अभियान की शुरुआत हुई और अब तक 1200 करोड़ रुपये मूल्य के 51000 किलोग्राम ड्रग्स नष्ट किए जा चुके हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री द्वारा नष्ट किए गए लगभग 31000 किलोग्राम ड्रग्स का काला बाज़ार मूल्य क़रीब 800 करोड़ रुपये है। इस प्रकार अब तक क़रीब 2000 करोड़ रुपये की कीमत के 82000 किलोग्राम ड्रग्स नष्ट किए जा चुके हैं। 15 अगस्त को 75 दिन के अभियान की समाप्ति पर इसकी मात्रा एक लाख किलोग्राम पहुंच जाएगी जिसका अनुमानित काला बाज़ार मूल्य क़रीब 3000 करोड़ रुपये होगा।
पोर्टल की शुरूआत
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कार्यक्रम में एन्कोर्ड (NCORD) पोर्टल का भी शुभारंभ हुआ है। इस पोर्टल से देशभर की सभी एजेंसियाँ न केवल सूचना ले पाएँगी बल्कि यह एन्कोर्ड की बेस्ट प्रैक्टिसेज का एक्सचेंज होगा, देशभर में नारकोटिक्स के बारे में जितने भी लैंडमार्क जजमेंट आए हैं वे सभी इस पर उपलब्ध होंगे। प्रोसीक्यूशन और प्रोसीक्यूटर दोनों की ट्रेनिंग हो पाएगी तथा थ्रस्ट एरिया में ज़िले स्तर के पुलिस स्टेशन तक आसानी से सूचना पहुंच पाएगी। उन्होंने पांचों राज्यों की पुलिस और नारकोटिक्स से संबंधित सभी एजेंसियों से इस पोर्टल के उपयोग करने का अनुरोध करते हुए कहा कि इसके उपयोग से आने वाले समय पूरे देश में एक ही तरीके से नारकोटिक्स के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी।
80 हजार गांव इंगित
अमित शाह ने कहा कि हमने 272 जिले और लगभग 80 हजार से ज्यादा गांव इंगित किए हैं। अब हमारा एरिया तय है कि हमें यह लड़ाई कहां लड़नी है। हमारा काम है कि संकल्प के साथ हर व्यक्ति, हर एजेंसी अपने अपने कार्य क्षेत्र में इस लड़ाई को मजबूत से ले जाए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने 44 देशों के साथ नारकोटिक्स के लिए अलग-अलग समझौता ज्ञापन किए हैं और सूचनाओं का आदान प्रदान हो गया है।
शाह ने कहा कि उनकी राज्यों से बहुत अपेक्षाएं हैं, यह लड़ाई अकेले केंद्र सरकार नहीं लड़ सकती हैं, राज्य की लड़ाई लड़ने की गति केंद्र से दोगुना से ज्यादा होती हैं तभी जाकर परिणाम आता है। राज्य भी अकेला नहीं लड़ सकता है हम सबको मिलकर इस लड़ाई को आगे ले जाना होगा। डिस्ट्रिक्ट, तहसील और गांव तक एन्कोर्ड पोर्टल प्लेटफॉर्म का जितना उपयोग होगा हम उतना ज्यादा समस्याओं का समाधान कर पाएंगे।
फास्ट ट्रैक कोर्ट
गृह मंत्री ने कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट के लिए भी सुप्रीम कोर्ट के साथ बातचीत चल रही है। फास्ट ट्रैक कोर्ट और एक्सक्लूसिव कोर्ट के लिए भी बात हो रही है। उन्होंने कहा कि आज जिन पांच राज्यों का सम्मेलन यहां बुलाया गया है ये राज्य और पूरा नॉर्थईस्ट, ड्रग्स की समस्या का प्रवेश द्वार भी है और यहां के युवा सबसे ज्यादा ड्रग्स की समस्या से ग्रसित हैं। इसलिए इन पांच राज्यों को भी अपने राज्य के बीच कोऑर्डिनेशन की एक व्यवस्था करनी पड़ेगी।
अगर पंजाब से ड्रग्स हरियाणा जाता है तो हरियाणा को तुरंत सूचना मिल जाए और हरियाणा उसको दिल्ली की ओर नहीं जाने दे। उन्होंने कहा कि ड्रोन आज ड्रग्स और हथियारों की तस्करी और जाली नोटों के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है, मगर उस पर भी हम युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं।
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