तेलंगाना में पिछड़ी जाति से होगा मुख्यमंत्री, क्या है अमित शाह के इस ऐलान के पीछे का गणित?
Amit Shah
Amit Shah Telangana Speech Highlights CM of BJP will be from backward caste: तेलंगाना में शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि हमने तय किया है कि अगर तेलंगाना में बीजेपी की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री पिछड़ी जाति से होगा। शाह सूर्यापेट में रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने टीआरएस पर गरीब विरोधी, दलित विरोधी और ओबीसी विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने वादा किया था कि वे एक दलित सीएम बनाएंगे। मैं केसीआर से पूछना चाहता हूं कि उनके वादे का क्या हुआ? अमित शाह ने कहा कि अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए 50,000 करोड़ रुपये के बजट का वादा किया। केसीआर से सवाल भी पूछा कि क्या आपने बजट आवंटित किया?
केसीआर और कांग्रेस का लक्ष्य परिवार का कल्याण
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा का लक्ष्य गरीबों का कल्याण है। वहीं केसीआर की पार्टी और कांग्रेस का लक्ष्य अपने परिवार का कल्याण है। मैं तेलंगाना के लोगों से अपील करना चाहता हूं कि ये पार्टियां तेलंगाना का विकास नहीं कर सकतीं। केवल भाजपा ही राज्य के लिए काम कर सकती है। न तो बीआरएस और न ही कांग्रेस तेलंगाना के कल्याण के लिए काम कर सकती है। पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ही इसे विकसित राज्य बना सकती है।
शाह ने कहा कि केसीआर केटीआर को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया जी राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाना चाहती हैं। दोनों पार्टियां, कांग्रेस और बीआरएस, वंशवादी पार्टियां हैं।
कांग्रेस ने जाति जनगणना का किया वादा
अमित शाह से पहले कांग्रेस ने भी जातियों को साधने के लिए जाति जनगणना कराने का दांव खेला है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि अगर उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में तेलंगाना में सत्ता में आती है, तो राज्य में जाति सर्वेक्षण कराया जाएगा।
राहुल गांधी ने भुपालपल्ली में अपने भाषण के दौरान कहा कि हमने पहले ही छत्तीसगढ़, राजस्थान और कर्नाटक में जाति सर्वेक्षण शुरू कर दिया है और सत्ता में आते ही तेलंगाना में भी ऐसा ही करेंगे।
तेलंगाना में आबादी के लिहाज से पांच बड़ी जातियां
पिछड़ी जातियों में पांच प्रमुख संख्यात्मक रूप से मजबूत जातियां शामिल हैं। जिनमें गौड़, मुदिराज, यादव, मुन्नुरकापु और पदमशाली हैं। अनुसूचित जातियों में माला, मडिगा और अन्य उत्पीड़ित जातियां शामिल हैं, जबकि अनुसूचित जनजातियों में लंबाडा और गोंड, कोया और चेंचू जैसे आदिवासी शामिल हैं। मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव ने इन समुदायों के सदस्यों को मंत्री के रूप में नियुक्त करके और उनमें से कुछ को राज्यसभा के लिए नामांकित करके पिछड़ी जाति समुदायों जैसे गौड़, यादव, मुन्नुरकापस और पद्मशालिस का समर्थन हासिल किया है।
51 फीसदी ओबीसी का प्रतिनिधित्व
2014 में तेलंगाना सरकार द्वारा किए गए घरेलू सर्वेक्षण के अनुसार ओबीसी का प्रतिनिधि करीब 51% है। लेकिन तेलंगाना चुनाव में जाति कभी भी बड़ा कारक नहीं रही।
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