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Hindenburg Adani Row पर विपक्ष के आरोपों के बीच अमित शाह बोले- भाजपा के लिए छिपाने और डरने जैसा कुछ नहीं

Amit Shah On Hindenburg Adani Row: हिंडनबर्ग-अडाणी विवाद को लेकर विपक्ष की ओर से भाजपा को निशाना बनाए जाने पर अमित शाह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस मामले पर बोलने के लिए कुछ है भी नहीं। उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए कुछ भी छिपाने या फिर डरने जैसा […]

Amit Shah On Hindenburg Adani Row: हिंडनबर्ग-अडाणी विवाद को लेकर विपक्ष की ओर से भाजपा को निशाना बनाए जाने पर अमित शाह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस मामले पर बोलने के लिए कुछ है भी नहीं। उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए कुछ भी छिपाने या फिर डरने जैसा कुछ नहीं है।

न्यूज एजेंसी ANI के साथ एक स्पेशल इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है तो एक मंत्री के रूप में मेरे लिए टिप्पणी करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि इसमें बीजेपी के लिए छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और डरने की कोई बात नहीं है।

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विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार पर साध रहे निशाना

हिंडनबर्ग-अडानी विवाद को लेकर लगातार कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की ओर से केंद्र सरकार पर निशाना साधा जा रहा है। विपक्ष की ओर से मामले को लेकर पक्षपात और क्रोनी कैपिटलिज्म के आरोप लगाने के बाद मामला राजनीतिक विवाद में बदल गया है।

विपक्ष ने संसद के बजट सत्र के दौरान संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग करते हुए इस मुद्दे को उठाया। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा है। विपक्ष ने अडानी समूह में एलआईसी और कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निवेश पर सवाल उठाए हैं।

केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को दी ये जानकारी

केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि अडानी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए सेबी एक समिति गठित करने पर सहमत हो गया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ को सूचित किया कि सेबी हिंडनबर्ग रिसर्च की हालिया रिपोर्ट के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

मेहता ने यह भी कहा कि भविष्य में निवेशकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए, यह सुझाव देने के लिए समिति नियुक्त करने में सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि समिति का रेमिट महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव है और सरकार सीलबंद कवर में नाम प्रदान करेगी।

राहुल गांधी के बयान पर भी अमित शाह ने दी प्रतिक्रिया

लोकसभा में राहुल गांधी के हालिया भाषण के बारे में पूछे जाने पर अमित शाह ने कहा कि यह कांग्रेस नेता या उनके पटकथा लेखकों को तय करना है कि वह क्या भाषण देना चाहते हैं। बता दें कि राहुल गांधी का बयान लगभग पूरी तरह से अडानी समूह से संबंधित था।

शाह ने कहा कि कोई सवाल ही नहीं है। कोई भी आज तक भाजपा के खिलाफ इस तरह के आरोप नहीं लगा सका है। उनके (कांग्रेस) काल में एजेंसियां चाहे वह सीएजी हों या सीबीआई, उन्होंने भ्रष्टाचार का संज्ञान लेते हुए मामले दर्ज किए थे। उनके कार्यकाल में 12 लाख करोड़ रुपये के घोटाले हुए थे।

सवाल के जवाब में शाह बोले- अदालतें भाजपा के प्रभाव में नहीं हैं

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा भाजपा के संस्थानों पर कब्जा करने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि उन्हें यह देखते हुए अदालत जाना चाहिए कि अदालतें भाजपा के प्रभाव में नहीं हैं। अमित शाह ने कहा कि विपक्ष कोर्ट क्यों नहीं जाते? शाह ने कहा कि कुछ महीनों पहले पेगासस का मुद्दा उठाया गया था, मैंने कहा था कि अदालत में सबूतों के साथ जाएं… वे केवल शोर मचाना जानते हैं।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और बीबीसी डॉक्यूमेंट्री से जुड़े सवाल पर अमित शाह ने कहा कि हजारों साजिशें सच्चाई को नुकसान नहीं पहुंचा सकतीं। सच्चाई सूरज की तरह चमकती है। वे इसे 2002 से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ कर रहे हैं। और हर बार, वह मजबूत, सच्चाई से और हर बार लोगों के बीच अधिक लोकप्रियता हासिल करके उभरे हैं।

(tntechoracle.com)


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