राम मंदिर…जनगणना और यूपी कैबिनेट विस्तार, BJP ने खोजी विपक्ष के ‘जाति कार्ड’ की काट
BJP Vs India Alliance
Amid Opposition Caste Census Push BJP Makes Three Plans Ayodhya Ram Mandir Up Cabinet expansion: 2024 लोकसभा चुनाव से पहले जाति जनगणना की मांग तेजी से उठ रही है। बीजेपी ने विपक्ष के इस कार्ड की काट खोज ली है। इस बात के संकेत खुद गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में दिए। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि पार्टी ने कभी भी जाति जनगणना की मांग का विरोध नहीं किया है। लेकिन इस पर फैसला व्यापक विचार-विमर्श के बाद लिया जाएगा।
पीएम ने विपक्ष पर लगाया था विभाजन करने का आरोप
जब बिहार में जाति जनगणना के नतीजे आए थे, तब पीएम मोदी ने विपक्ष पर जाति के नाम पर देश को विभाजित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। वहीं, बीजेपी की बिहार इकाई ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए जनगणना को जातिगत आधार पर विभाजन पैदा करने के किसी भी प्रयास को पाप बताया था। कई अन्य भाजपा नेताओं ने भी जाति सर्वेक्षण के खिलाफ बात की थी और इसकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे।
अमित शाह बोले- हमने कभी विरोध नहीं किया
अमित शाह शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में थे। जहां उन्होंने बीजेपी का संकल्प पत्र जारी किया। रायपुर में जाति जनगणना के बारे में पूछे जाने पर अमित शाह ने कहा कि हम एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल हैं और वोट-बैंक की राजनीति में शामिल नहीं हैं। हम व्यापक चर्चा करने के बाद निर्णय लेंगे। लेकिन इस मुद्दे का उपयोग चुनाव जीतने की कोशिश करने के लिए करना सही नहीं है। भाजपा ने कभी भी इसका (जाति जनगणना) विरोध नहीं किया है, लेकिन इस तरह के फैसले में बहुत सोच-विचार करने की जरूरत है। हम उचित समय पर अपने फैसले का खुलासा करेंगे।
भाजपा ने जातियों को साधने के लिए बनाए तीन प्लान
1- जाति जनगणना का बदला रुख: दरअसल, INDIA गठबंधन जुलाई से जाति जनगणना की मांग उठा रहा है। सिर्फ तृणमूल कांग्रेस ने इस पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। खुद राहुल गांधी भी इसके पक्ष में बयान देते नजर आए। उन्होंने यह भी वादा किया है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो जाति जनगणना कराएगी। ऐसे में भाजपा पर जाति जनगणना का दबाव बनने लगा। क्योंकि देश का एक बड़ा तबका इसकी पैरवी कर रहा है।
एनडीए के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, निषाद पार्टी और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर सहित कइयों ने विपक्ष की मांग का समर्थन किया।
भाजपा ने की हाइलेवल मीटिंग
जाति जनगणना से अन्य पिछड़ा वर्ग के बीच उसके समर्थन पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करने के लिए भाजपा ने गुरुवार को नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक की। अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित विभिन्न राज्यों के नेताओं के साथ बैठक की और इस मुद्दे पर उनके विचार जाने।
2- यूपी में कैबिनेट विस्तार: दिल्ली की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर जाता है। जल्द ही (संभवत: 7 नवंबर) को यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार अपना कैबिनेट विस्तार करने जा रही है। जिसमें पुराने साथी रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर को जगह मिलने की उम्मीद है। कई ऐसे अप्रत्याशित चेहरे भी सामने आ सकते हैं, जो अलग-अलग और प्रभावशाली जातियों की राजनीति करते हैं।
3- राम मंदिर में जातियों का प्रतिनिधित्व: 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान रामलला के प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे। इस ऐतिहासिक दिन को खास बनाने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने खास रणनीति तैयार की है। शुक्रवार को ट्रस्ट ने एक पत्र जारी कर अपील की कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन 11 से 1 के बीच में मंदिर कीर्तन करें, भजन करें, अपने घर के सामने दीप जलाएं।
राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम का 5 लाख मंदिरों में लाइव प्रसारण किया जाएगा। इसमें हिंदुओं के हर जातियों के मंदिर होंगे। यह कार्यक्रम विश्व हिंदू परिषद की तरफ से किया जाएगा। वीएचपी इस आयोजन के जरिए सभी जातियों को एक दूसरे के करीब लाया जाए और उनमें जातिगत सोच को दूर कर हिंदुत्व की भावना पैदा करना है।
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