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Ambedkar Jayanti 2023: हैदराबाद में आज 125 फीट ऊंची अम्बेडकर की प्रतिमा का अनावरण, जानें 7 रोचक तथ्य

Ambedkar Jayanti 2023: हैदराबाद में आज डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर की 125 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव बीआर अम्बेडकर कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि अम्बेडकर के पोते प्रकाश अम्बेडर को कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। […]

Ambedkar Jayanti 2023: हैदराबाद में आज डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर की 125 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव बीआर अम्बेडकर कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि अम्बेडकर के पोते प्रकाश अम्बेडर को कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने हाल ही में अम्बेडकर की प्रतिमा, नए सचिवालय भवन परिसर के उद्घाटन और अन्य मुद्दों के संबंध में मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि अम्बेडकर की प्रतिमा पर शुक्रवार को पुष्पांजलि अर्पित कर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की जाएगी। और पढ़िए – Ambedkar Jayanti 2023: मायावती ने डॉक्टर अंबेडकर को दी श्रद्धांजलि, बोलीं- उनका जीवन संघर्ष गरीबों-मजदूरों के लिए उम्मीद की किरण

अम्बेडकर की 125 फीट ऊंची प्रतिमा के बारें में जानें

  • हैदराबाद में 125 ऊंची अम्बेडकर की भारत की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। इस प्रतिमा को राज्य सचिवालय के बगल में बुद्ध प्रतिमा के सामने और तेलंगाना शहीद स्मारक के बगल में स्थित किया गया है।
  • केसीआर की ओर से अम्बेडकर की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लेने के बाद से इसे अंतिम रूप देने में कम से कम दो साल लग गए।
  • प्रतिमा के मूर्तिकार 98 वर्षीय राम वनजी सुतार को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है। बता दें कि राम वनजी सुतार को पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
  • ये सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई है कि सभी 119 निर्वाचन क्षेत्रों के 35,000 से अधिक लोग अम्बेडकर प्रतिमा अनावरण बैठक में भाग लें, जिसमें प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से 300 लोग शामिल हों।
  • आम जनता के लिए राज्य पथ परिवहन निगम की 750 बसों का संचालन किया जाएगा।
  • हैदराबाद पहुंचने से पहले 50 किमी के दायरे में विधानसभा परिसर में आने वाले लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की जाएगी।
  • जनता के लिए एक लाख मिठाई के पैकेट, 1.50 लाख छाछ के पैकेट और इतनी ही संख्या में पानी के पैकेट उपलब्ध कराए जाएंगे।
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कौन थे 'भारतीय संविधान के जनक' बीआर अम्बेडकर 

डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर को प्यार से बाबासाहेब या 'भारतीय संविधान के पिता' के रूप में जाना जाता है, भारत के संविधान के प्रमुख वास्तुकार थे। 14 अप्रैल 1891 को जन्मे, अम्बेडकर को देश में जाति व्यवस्था और लाखों भारतीयों को पीड़ित सामाजिक-आर्थिक अभाव के खिलाफ लड़ने के लिए जाना जाता है। अम्बेडकर का मूल नाम अंबावडेकर था, जो उनके पैतृक गांव अंबावडे के नाम से लिया गया था। उनके शिक्षक ने स्कूल के रिकॉर्ड में उनका अंतिम नाम 'अंबवड़ेकर' से बदलकर 'अम्बेडकर' कर दिया था। एक छात्र के रूप में बाबासाहेब को उच्च जातियों के छात्रों के साथ कक्षा में बैठने की अनुमति नहीं थी क्योंकि वे "अछूत" के परिवार से थे। बता दें कि बीआर अम्बेडकर कानून और न्याय के पहले मंत्री थे और 29 अगस्त, 1947 से 24 जनवरी, 1950 तक इस पद पर रहे थे। बाबासाहेब बाद में बौद्ध धर्म अपना लिया था। और पढ़िए – देश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें


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