TrendingT20 World Cup 2026Bangladesh ViolencePollution

---विज्ञापन---

तलाक को लेकर बड़ा फैसला आया; सेना के जवान की शादी का विवाद पहुंचा हाईकोर्ट, जानें मामला

Verdict on Divorce Hindu Marriages: भारतीय सेना के जवान की शादी से जुड़े विवाद में अहम फैसला आया है। हाईकोर्ट ने तलाक और हिंदू शादी पर टिप्पणी की है। साल 2008 से चल रहे केस की फैसला अब आया। जानें किसे राहत मिली और हाईकोर्ट ने क्या कहा?

हाईकोर्ट ने तलाक के लिए कानूनी प्रक्रिया को गंभीरता से लेने की नसीहत दी।
Allahabad High Court Verdict on Divorce: भारतीय सेना के जवान की शादी का विवाद इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस दोनादी रमेश की बेंच ने बड़ा फैसला सुनाया। तलाक और हिंदू मैरिज को लेकर दोनों जजों ने अहम टिप्पणियां भी की। बेंच की ओर से दिए गए फैसले के अनुसार, हिंदू मैरिज को एक कॉन्ट्रैक्ट नहीं समझा जा सकता। हिंदू मैरिज को कॉन्ट्रैक्ट की तरह खत्म नहीं किया जा सकता। इसे कानूनी रूप से ही भंग किया जा सकता है और वह भी केवल सबूतों के आधार पर संभव हो सकता है। अगर पति-पत्नी आपस में बात करके शादी खत्म कर देंगे तो यह न्याय व्यवस्था का मजाक उड़ाने जैसी बात होगी। यह भी पढ़ें:12-15 घंटे काम करने वाले सावधान, अभी न संभले तो चीनियों की तरह होंगे इस ‘बीमारी’ का शिकार

साल 2008 में दायर हुआ था तलाक का केस

HT की रिपोर्ट के अनुसार, एक महिला ने बुलंदशहर के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश द्वारा साल 2011 में उसके केस में दिए गए फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिला अदालत ने उसके पति की तलाक याचिका स्वीकार कर ली थी और उनका तलाक कराने का आदेश जारी कर दिया था। महिला के वकील महेश शर्मा की ओर से दर्ज याचिका में बताया गया कि महिला की शादी 2 फरवरी 2006 को भारतीय सेना में तैनात जवान के साथ हुई थी, लेकिन महिला के पति के आरोप लगाया है कि वह उसे छोड़कर साल 2007 में अपने मायके चली गई। जब वह काफी मनाने के बाद भी वापस नहीं आई तो साल 2008 में उसने अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की कोर्ट में तलाक का केस दायर कर दिया। यह भी पढ़ें:दुनिया को डराने वाले ‘मॉडर्न नास्त्रेदमस’ कौन? 4 भविष्यवाणियां सच हुईं, अब की 5 और Predictions

सेना अधिकारियों की मध्यस्थता से विवाद सुलझा

रिपोर्ट के अनुसार, केस की सुनवाई के दौरान महिला ने हाईकोर्ट में लिखित बयान दर्ज कराया। उसने बेंच को बताया कि वह इस समय अपने पिता के साथ रहती है। वह अपने पति से बातचीत करने के बाद ही अलग रहने लगी थी। अलग रहने का फैसला दोनों की सहमति से हुआ था, लेकिन केस की सुनवाई के बीच उसने अपना इरादा बदल दिया। महिला पति के साथ रहने को तैयार हुई, लेकिन पति माना नहीं। दोनों परिवारों की आपसी बातचीत में भी विवाद का हल नहीं निकला। मामला सेना के उच्च अधिकारियों तक पहुंचा और उनकी मध्यस्थता के बाद दोनों साथ रहने को राजी हो गए। इसके बाद दोनों के बच्चे भी हुए। बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए ही हाईकोर्ट की बेंच ने पति के खिलाफ फैसला दिया। यह भी पढ़ें:Video: Elon Musk ने रचा इतिहास! अंतरिक्ष में कराई अनोखी Spacewalk, जानिए कैसे?


Topics:

---विज्ञापन---