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संसद के मानसून सत्र से पहले बेंगलुरु में विपक्ष की अगली बैठक, कांग्रेस ने किया ऐलान

Oppn Meeting In Bengaluru: कांग्रेस ने सोमवार को घोषणा की कि संसद के मानसून सत्र से पहले विपक्षी दलों की संयुक्त बैठक 17-18 जुलाई को कर्नाटक के बेंगलुरु में होगी। नई तारीखों की घोषणा करते हुए पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट किया। केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट में कहा कि पटना में बेहद सफल विपक्ष बैठक […]

INDIA
Oppn Meeting In Bengaluru: कांग्रेस ने सोमवार को घोषणा की कि संसद के मानसून सत्र से पहले विपक्षी दलों की संयुक्त बैठक 17-18 जुलाई को कर्नाटक के बेंगलुरु में होगी। नई तारीखों की घोषणा करते हुए पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट किया। केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट में कहा कि पटना में बेहद सफल विपक्ष बैठक के बाद, हम 17 और 18 जुलाई, 2023 को बेंगलुरु में अगली बैठक करेंगे। हम अपने अटूट संकल्प पर दृढ़ हैं। ये भी पढ़ेंः 'सबको जवानी अच्छी लगती है', एनआईटी दिल्ली में छात्र के सवाल के जवाब में बोले विदेश मंत्री जयशंकर इससे पहले ये बैठक 13-14 जुलाई को बेंगलुरु में होने वाली थी, लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया था। उससे पहले भी ये मीटिंग शिमला में होनी थी, हालांकि 29 जून को शरद पवार ने कहा था कि अब मीटिंग बेंगलुरु में होगी। नई तारीख एनसीपी के अजित पवार के बागी होने और शिंदे-भाजपा के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के एक दिन बाद आई है। बता दें कि संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा, जो 11 अगस्त तक चलेगा। मानसून सत्र 23 दिनों का होगा। इस दौरान 17 बैठकें होंगी। इस बार मानसून सत्र के हंगामेदार रहने की उम्मीद है। ये भी पढ़ेंः महाराष्ट्र में ‘सियासी भूकंप’; डिप्टी सीएम बने अजित पवार, मुख्यमंत्री शिंदे बोले- राज्य में ट्रिपल इंजन की सरकार

पटना में 23 जून को हुई थी विपक्ष की पहली बैठक

पिछली बैठक 23 जून को बिहार के पटना में हुई थी जिसकी मेजबानी राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा था कि सभी नेता केंद्र में मौजूदा शासन के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने पर सहमत हुए हैं। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि अगली बैठक में मोर्चे की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जाएगा। बैठक के दौरान आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच मतभेदों की खबरें थी। आम आदमी पार्टी की ओर से कहा गया था कि जब तक कांग्रेस दिल्ली में केंद्र के अध्यादेश की निंदा नहीं करती, तब तक गठबंधन का हिस्सा बनना उसके लिए बहुत मुश्किल होगा। और पढ़िए – देश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें


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