Dangerous AQI Smog Side Effects On Health: देश में ठंड दस्तक दे चुकी है और इसके साथ ही देश की राजधानी दिल्ली की हवा काफी जहरीली हो गई है। दिल्ली समेत पूरा NCR इस समय स्मॉग की चादर से ढका है। वायु प्रदूषण भी बढ़ने लगा है, जिससे लोगों का दम घुटने लगा है। शुक्रवार को जारी वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में दिल्ली का वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंचकर 680 दर्ज किया गया है। इसे देखते हुए दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल ने 2 दिन के लिए दिल्ली के स्कूलों को बंद करने का ऐलान कर दिया, लेकिन जिस तरह से स्मॉग की चादर बिछी हुई है, कुछ लोग इसे धुंध समझ रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं है। अगर आप भी इसे लेकर कंफ्यूज हैं तो जानिए दोनों में अंतर क्या है? स्मॉग हेल्थ के खतरनाक कैसे है और इससे बचाव कैसे कर सकते हैं? (housecalldoctor.com.au)
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क्या है फॉग और स्मॉग, दोनों में अंतर क्या?
फॉग को कोहरा या धुंध कहते हैं। धुंध हवा में पानी की छोटी-छोटी बूंदें होती हैं। काफी छोटी-छोटी बूंदें, जो सफेद रंग की होती हैं। सर्दियों में अकसर घना कोहरा छा जाता है, जिस वजह से विजिबिलिटी भी कम हो जाती है। यह सेहत के लिए खतरनाक नहीं होती और न ही इससे सांस लेने में कोई दिक्कत होती है, लेकिन इसकी वजह से ठंड लगती है। दूसरी ओर, स्मॉग धुएं और प्रदूषण का मिक्सचर होता है। हवा में सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) और बेंजीन जैसी हानिकारक गैसें होने से स्मॉग बनता है। यह हल्के ग्रे कलर का होता है और इसमें सांस लेने में दिक्कत होती है। इससे भी विजिबिलिटी कम होती है, लेकिन इसका सेहत पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। अस्थमा और दिल के मरीजों के लिए यह समस्याएं बढ़ा देता है।
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स्मॉग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक कैसे?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक डॉक्टर ने बताया कि सर्दियों में स्मॉग पूरे शरीर पर असर डालता है। इसके कारण इन्फेक्शन, सीने में दर्द, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, आंख-नाक में जलन, गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत, फेफड़ों का कैंसर होने जैसी बीमारियां हो सकती हैं। स्मॉग में ज्यादा समय तक रहने से सांस की नली सिकुड़ने लगती है। दमा रोगियों के लिए स्मॉग ट्रिगर पॉइंट है। इस मौसम में इम्युनिटी कमजोर होने लगती है। अस्थमा के मरीजों को खांसी, जुकाम, छींके, सांस फूलना, सीने में जकड़न, घबराहट जैसी समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
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स्मॉग से कैसे करें अपना और बच्चों का बचाव?
डॉक्टर के अनुसार, स्मॉग होने पर दमा और अस्थमा के मरीज घर से बाहर जाने से परहेज करें। अगर किसी कारण से जाना पड़ रहा है तो मास्क जरूर लगाएं। N95 या N99 जैसे हाई क्वालिटी वाले मास्क फायदेमंद रहेंगे। सर्दियों में एक्सरसाइज भी नहीं करनी चाहिए। बीयर, वाइन या जूस न पिएं। किशमिश, चेरी अस्थमा के मरीजों को नहीं खानी चाहिए। अचार और पिकल्ड फूड न खाएं। फ्रोजन फूड और चिप्स भी नहीं खाने चाहिएं। इनमें मिले केमिकल अस्थमा के मरीजों के लिए मुसीबत बन सकते हैं। सुबह मॉर्निंग वॉक पर जाने से बचें। घर पर ही योगा या एक्सरसाइज करें। लोग घर की सफाई अच्छे से करें। बिस्तरों और ओढ़ने वाले कपड़ों को धूप लगाएं। घर के खिड़की-दरवाजे बंद रखें। एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें।