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तमिलनाडु में AIADMK के NDA से अलगाव पर संजय राउत बोले- 2024 तक भाजपा का होगा ये हाल

AIADMK Separated From NDA: अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने तमिलनाडु और केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग होने की औपचारिक घोषणा कर दी है। एआईएडीएमके के उप समन्वयक केपी मुनुसामी ने घोषणा की है कि AIADMK ने सर्वसम्मति से भाजपा और एनडीए के साथ […]

AIADMK Separated From NDA: अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने तमिलनाडु और केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग होने की औपचारिक घोषणा कर दी है। एआईएडीएमके के उप समन्वयक केपी मुनुसामी ने घोषणा की है कि AIADMK ने सर्वसम्मति से भाजपा और एनडीए के साथ सभी संबंधों को तुरंत तोड़ने का प्रस्ताव पारित किया है। केपी मुनुसामी ने इस फैसले का कारण भाजपा के साथ चल रहे मुद्दों का हवाला दिया। बताया गया है कि इन कारणों में पिछले एक साल में एआईएडीएमके के पूर्व नेताओं, उनके महासचिव ईपीएस और उनके पार्टी कैडरों पर निर्देशित उनकी निरंतर और अनुचित टिप्पणियां भी शामिल हैं।

AIADMK ने पारित किया प्रस्ताव

उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक ने बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया। इसके तहत अन्नाद्रमुक भाजपा और एनडीए गठबंधन के साथ सारे संबंध तोड़ रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा का राज्य नेतृत्व लगातार हमारे पूर्व नेताओं, हमारे महासचिव ईपीएस और हमारे कार्यकर्ताओं के बारे में अनावश्यक टिप्पणियां कर रहा है। साथ ही पार्टी की ओर से गठबंधन खत्म करने के बाद चेन्नई में अन्नाद्रमुक मुख्यालय के बाहर जश्न मनाया गया। तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा कि मैं आपसे बाद में बात करूंगा, मैं यात्रा के दौरान नहीं बोलता हूं, मैं बाद में बोलूंगा। बताया गया है कि दिवंगत द्रविड़ नेता सीएन अन्नादुरई के बारे में भाजपा के राज्य प्रमुख के अन्नामलाई की ओर से की गई टिप्पणी को लेकर हाल ही में विवाद के मद्देनजर, अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता जयकुमार ने 18 सितंबर को दोनों दलों के बीच गठबंधन तोड़ दिया। यह भी पढ़ेंः पंकजा मुंडे की फैक्ट्री को मिला 19 करोड़ रुपये का GST नोटिस, भाजपा से चल रही हैं साइडलाइन

अन्नाद्रमुक प्रतिनिधिमंडल ने की थी भाजपा नेतृत्व से मुलाकात

इस मामले को लेकर अन्नाद्रमुक के एक प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की थी। इसमें तमिलनाडु के राजनीतिक हालातों पर गंभीर चर्चा की गई थी। अन्नाद्रमुक प्रतिनिधिमंडल ने अपनी टिप्पणी के लिए अन्नामलाई से माफी मांगने के लिए भाजपा नेतृत्व से हस्तक्षेप की मांग की थी। उधर, तमिलनाडु प्रकरण को लेकर शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली NDA यानी नोटंकी है। उन्होंने कहा कि AIADMK ही नहीं, अभी और भी पार्टियां एनडीए का साथ छोड़ेंगी। उन्होंने दावा किया है कि साल 2024 से पहले भाजपा टूटती हुई दिखाई दे रही है।

तमिलनाडु में क्या है एनडीए का वजूद

बता दें कि भाजपा और अन्नाद्रमुक गठबंधन ने 2019 के लोकसभा चुनाव में केवल थेनी निर्वाचन क्षेत्र हासिल किया। पट्टाली मक्कल काची (पीएमके), देसिया मुरपोक्कू द्रविड़ कड़गम (डीएमडीके), पुथिया तमिलगम (पीटी), तमिल मनीला कांग्रेस (टीएमसी) और पुथिया नीति काची (पीएनके) समेत कई अन्य दल गठबंधन के घटक थे। भाजपा और अन्नाद्रमुक ने अब तक 1998, 2004 और 2019 में तीन लोकसभा चुनाव एक साथ लड़े। अटल बिहारी वाजपेयी और जयललिता के नेतृत्व में गठबंधन ने राज्य में 1998 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की। हालांकि, गठबंधन लंबे समय तक नहीं चल सका और 1999 में जयललिता के समर्थन वापस लेने के बाद वाजपेयी सरकार सिर्फ 1 वोट से सत्ता खो बैठी। इनपुटः राहुल पांडेय देश की खबरों के लिए यहां क्लिक करेंः-


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