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INS विक्रांत के बाद अब INS कलवरी की सवारी करेंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, नौसेना की इस सबमरीन से कांपता है दुश्मन

President Draupadi Murmu: कलवरी क्लास की यह पनडुब्बी समुद्र की सतह पर 20 किलोमीटर की स्पीड से चल सकती है, तो वहीं समुद्र के अंदर 37 से 30 किलोमीटर की रफ्तार से चलने में सक्षम है.

भारती की तीनों सेना लगातार अपनी ताकत में इजाफा तो कर रही है, साथ ही समय -समय पर तीनों सेना के सर्वोच्च कमांडर इनके हौसला अफजाई के लिए कैंप, बेस पर जाते रहते हैं. वायुसेना के दो लड़ाकू विमान सुखोई 30 एमकेआई और राफेल में उड़ान भरने के बाद अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नौसेना के बेस पर जाएंगी. जी हां, आपको बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार को यानी 29 दिसंबर 2025 को कर्नाटक के करवार हार्बर से पनडूब्बी की ताकत को परखेंगी. नौसेना चीफ दिनेश त्रिपाठी और दूसरे सीनियर नौसेना अधिकारियों के साथ राष्ट्रपति सबमरीन में सी-सार्टी करेंगी. आपको बता दें कि राष्ट्रपति कलवरी क्लास पनडुब्बी में जाएगी.

यह दूसरा मौका है जब राष्ट्रपति नेवी बेस पर जाएगी, इससे पहले पिछले साल यानी 2024 में नेवी के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत पर जा चुकी हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु देश की दूसरी राष्ट्रपति होंगी जो पनडुब्बी की यात्रा करेंगी. इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत एपीजे अब्दुल कलाम ने साल 2006 के फरवरी महीने में विशाखापत्तनम से पनडुब्बी की यात्रा की थी.

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आखिर भारतीय नौसेना के कलवरी क्लास पनडुब्बी में ऐसी क्या खासियत है कि राष्ट्रपति इसपर सवारी करने जा रही हैं?

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नौसेना के एक अधिकारी जो अभी कमोडोर है उनसे न्यूज 24 ने नेवी के कलवरी क्लास पनडुब्बी की खासियत के बारे विस्तार से जानकारी ली है. कमोडोर के मुताबिक यह पनडुब्बी कई खासियतों से लैस है. क्योंकि इस पनडुब्बी में एंटी-टॉरपीडो काउंटरमेजर सिस्टम के साथ ही 533 मिमी के छह टॉरपीडो टयूब, 18 एसयूटी टॉरपीडो को लगाया गया है. इसके अलावा इसमें 39 एक्सोसेट एंटी-शिप को भी लगाया गया है जो मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता के साथ ही समुद्री बारुदी सुरंगों को बिछा सकता है. इनता ही नहीं यह पनडुब्बी दुश्मन के रडार को चकमा देते हुए बड़े ही चालाकी के साथ दुश्मन पर अटैक भी कर सकती है. जब यह समुद्र की गहराई में पोट्रेलिंग करती है तो इसके अंदर से कोई भी आवाज भी नहीं आती है, जिससे दुश्मन चौक्कना नहीं हो पाता है और इसका फायदा उठा कर बेहद खतरनाक तरीके से दुश्मन पर हमला किया जा सकता है.

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INS कलवरी की खासियतें


कलवरी क्लास की यह पनडुब्बी समुद्र की सतह पर 20 किलोमीटर की स्पीड से चल सकती है, तो वहीं समुद्र के अंदर 37 से 40 किलोमीटर की रफ्तार से चलने में सक्षम है. सुरक्षा के लिए इसके अंदर चौबीस घंटे शिफ्ट के हिसाब से 35 जूनियर के साथ 8 सीनियर अधिकारी की तैनाती की जाती है, साथ ही 350 फीट गहराई में जाने के साथ ही 50 दिनों तक समुद्र के अंदर रहने की भी इसमें क्षमता है. आएनएस कलावरी के अलावा करंज, खंडेरी, वेरा और वागीर भी इसी क्लास यानी कलवरी क्लास की ही पनडुब्बी है. कलवरी क्लास पनडुब्बी में एक अटैक एंड सर्च पेरिस्कोप है जो इन्फ्रारेड से लैस है जो समुद्र की गहराई में जाकर समुद्र की सतह से दुश्मनों के लक्ष्य को भेदने में मदद करती है. INS कलवरी को पूरी तरह से मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है और इसे मुंबई के मझगांव डॉक्स लिमिटेड ने किया है.


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