TrendingNavratri 2024Iran Israel attackHaryana Assembly Election 2024Jammu Kashmir Assembly Election 2024Aaj Ka Mausam

---विज्ञापन---

Aditya L1 Launch : ISRO की एक और सफलता, सूर्य मिशन आदित्य-एल1 हुआ लॉन्च

Aditya L1 Launch : चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग और उसके बाद लगातार मिल रही सफलता के बाद भारत अब सूर्य के बारे में अध्ययन करेगा। इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization) ने शनिवार सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर उपग्रह आदित्य-एल1 को लॉन्च कर दिया। समाचार एजेंसी एएनआई ने […]

Aditya L1 Launch : चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग और उसके बाद लगातार मिल रही सफलता के बाद भारत अब सूर्य के बारे में अध्ययन करेगा। इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization) ने शनिवार सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर उपग्रह आदित्य-एल1 को लॉन्च कर दिया। समाचार एजेंसी एएनआई ने इस बाबत एक वीडियो भी जारी किया है। यहां देखें पूरा वीडियो...। ISRO के सूर्य मिशन आदित्य एल-1 के प्रक्षेपण को देखने के लिए सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) शार श्रीहरिकोटा में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। वहीं, आंध्र प्रदेश में इसरो के आदित्य एल-1 मिशन के लॉन्च को देखने के लिए स्कूली छात्र श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पहुंचे थे। वहीं, लॉन्च से पहले शनिवार सुबह आदित्य-एल1 की एक झलक सामने आई थी। इसरो ने एक वीडियो ट्वीट किया है। इसमें साफ दिखाई दे रहा है कि आदित्य एल-1 लॉन्चिंग के लिए तैयार खड़ा था। वहीं, आदित्य-एल1 की कामयाबी के लिए मंदिरों में पूजा अर्चना की जा रही है। इसरो के वैज्ञानिकों के मुताबिक, आदित्य-एल1 को धरती पर ऊर्जा के सबसे श्रोत और लोगों को जीवन देने वाले सूर्य का अध्ययन करने के लिए लॉन्च किया जा रहा है। यह धरती से 14, 96, 00, 000 किलोमीटर दूर सूर्य के बारे में जानकारियां जुटाएगे। आदित्य-एल1 की कामयाबी के साथ ही भारत अंतरिक्षयान भेजने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले जर्मनी के अलावा यूरोपीय स्पेस एजेंसी और अमेरिका भी सूर्य के अध्ययन के लिए अंतरिक्ष यान भेज चुका है। इसरो की पूरी योजना के अनुसार, सी-57 श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आदित्य एल1 की लॉन्चिंग शनिवार को ठीक 11 बजकर 50 मिनट पर होगी। इसके बाद अगली कड़ी में आदित्य एल-1 पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर यानी लैंग्रेंड प्वाइंट की तरफ पहुंचाया जाएगा। इसके बाद यह यहां से निकलने के बाद आदित्य एल-1 क्रूज चरण शुरू करेगा। इसके अगले चरण में यह एल-1 के चारों ओर अपनी कक्षा में एंट्री करेगा। इसरो वैज्ञानिकों से मिली जानकारी के अनुसार, अंतरिक्ष यान को एल1 तक पहुंचने में कुल 125 दिन का समय लगेगा। यहां पर बता दें कि शुक्रवार को इसरो चीफ एस. सोमनाथ चांगलम्मा परमेश्वरी मंदिर पहुंचे और उन्होंने यहां पर विधिवित पूजा भी की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 और आदित्य एन-1 के बाद अब गगनयान को लेकर तैयारी चल रही है।
 

Aditya-L1 Mission: धरती और सूरज की 10वें हिस्से की दूरी तक ही जाएगा ISRO का नया यान आदित्य एल-1; जानें प्रोजेक्ट की लागत और वर्किंग

बताया जा रहा है कि करीब 400 करोड़ रुपये की लागत से तैयार आदित्य एल-1 मिशन की कड़ी में सौर हवाओं के बंटवारे  और तापमान की भी जानकारी हासिल करेगा। इसके अतिरिक्त यहां पर सौर तूफान क्यों आते हैं? और सौर लहरे और उनका धरती के वायु मंडल पर क्या असर होगा? इसका भी अध्ययन किया जाएगा।
 

---विज्ञापन---

---विज्ञापन---


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.