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Adani Group-Hindenburg Row: सेबी ने जांच के लिए मांगा छह माह का समय, SC ने कहा- इतना नहीं मिलेगा, 15 मई को अगली सुनवाई

Adani Group-Hindenburg Row: अडानी समूह-हिंडनबर्ग रिपोर्ट विवाद में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने अपनी जांच पूरी करने के लिए छह माह का अतिरिक्त समय मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से कहा- हम जांच का समय बढ़ाएंगे, लेकिन छह महीने नहीं। हम तीन महीने का […]

Adani Group-Hindenburg Row
Adani Group-Hindenburg Row: अडानी समूह-हिंडनबर्ग रिपोर्ट विवाद में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने अपनी जांच पूरी करने के लिए छह माह का अतिरिक्त समय मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से कहा- हम जांच का समय बढ़ाएंगे, लेकिन छह महीने नहीं। हम तीन महीने का वक्त देते हैं। इस अवधि में जांच पूरी करें। 15 मई को इस मामले की अगली सुनवाई होगी। बता दें कि 8 मई को जांच कमेटी ने बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सौंपी है। चीफ जस्टिस ने कहा कि जस्टिस सप्रे की कमेटी की रिपोर्ट आ गई है। हम वीकेंड के दौरान ये रिपोर्ट देंगे। इस प्रकरण में चार जनहित याचिकाएं दाखिल की गई थीं। एडवोकेट एमएल शर्मा, विशाल तिवारी, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और सोशल वर्कर मुकेश कुमार ने याचिकाएं लगाई हैं। मामले की पहली सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने 10 फरवरी को की थी।

दो मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने बनाई थी कमेटी

सुप्रीम कोर्ट ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले में दो मार्च को कमेटी का गठन किया था। 6 सदस्यीय कमेटी की अध्यक्ष पूर्व जज अभय मनोहर सप्रे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने SEBI को दो महीने में जांच पूरी करने और रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने विशेषज्ञ समिति का भी किया था गठन

सुप्रीम कोर्ट ने शेयर बाजार के नियामक तंत्र के मौजूदा ढांचे की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति का भी गठन किया था। इसने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एएम सप्रे को समिति का प्रमुख और निम्नलिखित व्यक्तियों को सदस्य के रूप में नियुक्त किया। समिति में एएम सप्रे के अलावा ओपी भट्ट, न्यायमूर्ति केपी देवदत्त, केवी कामत, नंदन नीलेकणि और सोमशेखर सुंदरसन को शामिल किया गया।

24 फरवरी को सामने आई थी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट

दरअसल, अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को एक रिपोर्ट सार्वजनिक की थी। दावा किया था कि अडानी ग्रुप की कंपनियां स्टॉक्स में हेराफेरी कर रही हैं। उसके बाद से ग्रुप की कंपनियों की मार्केट वैल्यू कम हो गई। इस मुद्दे पर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा और जेपीसी जांच की मांग उठाई। सुप्रीम ने जांच की जिम्मेदारी सेबी को दी है। यह भी पढ़ेंNikki Yadav Murder Case: 6 आरोपियों के खिलाफ 576 पन्नों की चार्जशीट दाखिल, साहिल ने निक्की की गला घोंटकर शव फ्रिज में छिपाया था


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