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पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा में श्रद्धालुओं की सेवा करेंगे गौतम अडाणी, 40 लाख लोगों को कराएंगे निशुल्क भोजन

Jagannath Rath Yatra: ओडिशा के पुरी में 27 जून 2025 से भगवान जगन्नाथ की यात्रा शुरू हो गई है, जिसका उत्सव 8 जुलाई 2025 तक चलेगा। अडाणी ग्रुप ने जगन्नाथ रथ यात्रा में प्रसाद सेवा शुरू की है, जिसमें हिस्सा लेने के लिए अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी आज पुरी पहुंच गए हैं।

Jagannath Rath Yatra 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के बाद अब ओडिशा के पुरी में चल रही जगन्नाथ रथ यात्रा में आए श्रद्धालुओं के लिए अडाणी ग्रुप ‘प्रसाद सेवा’ शुरू कर रहा है। अडाणी ग्रुप इस रथयात्रा में शामिल होने वाले लाखों श्रद्धालुओं, सेवादारों, सरकारी व निजी कर्मचारियों को भोजन कराएगा। ये आयोजन बीते दिन 26 जून 2025 से शुरू हो गया है, जो 8 जुलाई तक चलेगा।

इस दौरान अडाणी समूह करीब 40 लाख लोगों को भोजन व पेय पदार्थ वितरित करेगा। भोजन कराने के साथ-साथ अडाणी समूह की ओर से सेवा में लगे कर्मचारियों को फ्री टी-शर्ट, नगरपालिका के कर्मचारियों को फ्लोरोसेंट सुरक्षा बनियान और अधिकारियों व श्रद्धालुओं को जैकेट, टोपी, छाता व रेनकोट भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

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पुरी पहुंचे गौतम अडाणी

आज यानी 28 जून 2025 को अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी खुद पुरी पहुंच गए हैं। यहां पर वह सबसे पहले भगवान जगन्नाथ के दर्शन करेंगे। फिर गुंडीचा मंदिर के लिए रवाना होंगे। गुंडीचा मंदिर में करीब 20 मिनट तक पूजा-अर्चना करने के बाद गौतम अडाणी भगवान जगन्नाथ, भाई बालपद और बहन सुभद्रा के रथ की पूजा करेंगे।

प्रसाद सेवा में भी लेंगे हिस्सा

पूजा करने के बाद अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी रथयात्रा में शामिल श्रद्धालुओं से बातचीत करेंगे। इसके बाद वह इस्कॉन के उस किचन का भी दौरा करेंगे, जहां पर श्रद्धालुओं के लिए भोजन बनाया जा रहा है। इसके बाद वह प्रसाद सेवा में हिस्सा लेंगे और खुद अपने हाथ से श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित करेंगे।

सेवा करना ही है सच्ची पूजा

अडाणी समूह का मानना है कि सेवा करना ही सच्ची पूजा व साधना है। समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी के इस विचार के साथ अडाणी समूह लगातार काम कर रहा है। अडाणी समूह न केवल बुनियादी ढांचा, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में काम कर रहा है बल्कि अब भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में भी सेवक के रूप में भाग ले रहा है। समूह की और से साफ कहा गया है कि वह इस उत्सव में प्रायोजक की तरह नहीं बल्कि सेवक की भूमिका में हिस्सा ले रहा है।

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