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आचार्य Pramod Krishnam कौन, जिन्होंने की PM मोदी की तारीफ, CM योगी से मिले, कांग्रेस ने निकाला

Acharya Pramod Krishnam Congress VS BJP: आचार्य प्रमोद कृष्णम आजकल सुर्खियों में हैं। भाजपा और कांग्रेस के बीच फंसे हैं। कांग्रेस ने उन्हें अब प्रधानमंत्री मोदी से मिलने की सजा दी है।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Feb 11, 2024 10:13
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आचार्य प्रमोद कृष्णम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर उनको शिलान्यास कार्यक्रम में आने का निमंत्रण दिया था।

Acharya Pramod Krishnam Latest Update: श्री कल्कि धाम के पीठाधीश्वर ​​​​आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) पर आखिरकार कांग्रेस की गाज गिर ही गई। 2 फरवरी 2024 को PM मोदी से मुलाकात और 6 फरवरी 2024 को उत्तर प्रदेश के CM योगी से मिलना उन्हें इतना भारी पड़ गया कि कांग्रेस ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आचार्य का निष्कासन लेटर जारी करते हुए मामले की जानकारी दी। UP कांग्रेस कमेटी ने प्रस्ताव रखा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

कौन हैं आचार्य प्रमोद कृष्णम?

4 जनवरी 1965 को जन्मे आचार्य प्रमोद कृष्णम उत्तर प्रदेश के संभल जिला निवासी हैं। 59 वर्षीय आचार्य का पैतृक गांव एंचोड़ा कम्बोह है। वे ब्राह्मण समाज से आते हैं और दिग्गज राजनेता हैं। उन्हें प्रियंका गांधी का करीबी माना जाता है, लेकिन अब कांग्रेस ने उन्हें निकाल दिया है। वे कांग्रेस की टिकट पर 2 बार साल 2014 में संभल और 2019 में लखनऊ से चुनाव लड़ चुके हैं। प्रमोद कृष्णम ने ही संभल में श्री कल्कि फाउंडेशन का गठन किया था, जिसके वे पीठाधीश्वर हैं।

 

कहीं भाजपा में तो नहीं जा रहे आचार्य

क्या आचार्य प्रमोद कृष्णम भाजपा जॉइन कर रहे हैं? क्या कांग्रेस से निकाले जाने के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम राजनीति में रहेंगे? क्या उनका पॉलिटिकल करियर खत्म हो जाएगा? क्या वे संभल से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं? इस तरह के सवाल अब उठने लगे हैं, जबकि आचार्य ने कांग्रेस की नाराजगी का कारण पूछे जाने पर और भाजपा जॉइन करने के सवाल पर पत्रकारों को जवाब दिया था कि भाजपा जॉइन करना कोई गुनाह तो नहीं। राजनीति संभावनाओं का खेल है। मैं अभी कल्कि धाम के शिलान्यास की तैयारी में जुटा हूं। न मैं भाजपा जॉइन करने के लिए मिला था और न ही मुझे किसी ने ऑफर किया है।

 

प्रमोद कृष्णम के खिलाफ क्यों हुई कार्रवाई?

आखिर आचार्य को कांग्रेस ने सजा क्यों दी? क्यों पार्टी उनसे नाराज हुई? क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा था कि अगर भाजपा और PM मोदी न होते हो Ram Mandir अयोध्या नहीं बनता। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को कल्कि धाम के शिलान्यास कार्यक्रम में आने का निमंत्रण दिया था। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर उनको भी कल्कि धाम के शिलान्यास का निमंत्रण दिया, जो कांग्रेस को नागवार गुजरा और आचार्य के खिलाफ एक्शन ले लिया।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में गए थे आचार्य

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आचार्य प्रमोद कृष्णम काफी समय से भाजपा के पक्षधर और कांग्रेस के विरोध लग रहे थे। उन्होंने कांग्रेस के नेताओं को टारगेट पर ले रखा था। आचार्य 22 जनवरी को राम मंदिर अयोध्या के उद्घाटन और रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी गए थे। इस वजह से भी कांग्रेस हाईकमान उनसे नाराज थी।

प्रमोद कृष्णम के बयान, जो चर्चा में रहे

  • भाजपा जॉइन करना गुनाह तो नहीं। अगर भाजपा में जाता भी हूं तो इसमें कोई पाप नही। क्या भाजपा अपराधी है, जो भाजपा जॉइन करके मैं भी अपराध करुंगा।
  • INDIA गठबंधन अब नहीं है। इस नाम की कोई चीज अब है ही नहीं। नीतीश कुमार ने अलग होकर बिहार में इस गठबंधन का अंतिम संस्कार कर दिया है। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख जयंत चौधरी इस गठबंधन का श्राद्ध करेंगे।
  • राहुल गांधी से एक साल से मिलने की कोशिश कर रहा हूं। कितनी बार समय देने के लिए कहा? प्रधानमंत्री ऑफिस में फोन करके मिलने का समय मांगा, 4 दिन में ही कॉल आ गया।
  • वर्कर्स पार्टी के लिए कर्मठ और कर्मवारी होते हैं। वे कुत्ते नहीं होते। कांग्रेस अध्यक्ष (मल्लिकार्जुन खरगे) की बात में कड़वाहट जरूरी थी, लेकिन यह एक सच भी है।
First published on: Feb 11, 2024 10:04 AM

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