आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा में कहा कि बैंकों में बढ़ती धोखाधड़ी, उच्च ब्याज दरों और छोटे जमाकर्ताओं का बैंकों से धीरे-धीरे भरोसा उठता जा रहा है। लोकसभा ने दिसंबर 2024 में बैंकिंग कानून भी पारित किया था।
जनता का बैंकों से उठ रहा भरोसा
आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा में बोलते हुए यह दावा किया कि वर्तमान में बैंकों में हो रही धोखाधड़ी और छिपे आरोपों का हवाला दिया। साथ ही कहा कि बैंकों में हो रही धोखाधड़ी, उच्च ऋण ब्याज दरों और जमाकर्ताओं के लिए वित्तीय सुरक्षा व्यवस्था के कारण हमारे देश की बैंकिंग प्रणाली में जनता का भरोसा उठ रहा है।
दिसंबर 2024 में पारित हुआ था बैंकिंग कानून
जानकारी के लिए बता दें कि राज्यसभा में राघव चड्ढा ने बुधवार को चर्चा करते हुए बताया कि लोकसभा ने दिसंबर 2024 में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक को पारित किया था, जो बैंक खाताधारकों को अधिकतम चार नामांकित व्यक्ति रखने की अनुमति देता है। जिसे राज्यसभा ने मंजूरी भी दी थी। यह देश की जनता की परेशानियों को दूर करने में विफल रहता है।
युवा व्यक्तियों के लिए उठाई बात
आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि युवा व्यक्तियों के लिए आवाज उठाते हुए कहा कि आवास को पहुंच से बाहर बना दिया गया है और साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों को वित्तीय सुविधा नहीं मिल पाती है। अगर वे कर्ज लेकर भी उच्च शिक्षा ग्रहण करते हैं, तो वे पहले से ही कर्ज में डूब जाते हैं।
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PSB ने दर्ज किए सबसे अधिक मामले
राघव चड्ढा ने राज्यसभा में यह भी दावा किया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) ने धोखाधड़ी के सबसे अधिक मामले दर्ज किए हैं, जिससे जनता का बैंकों से धीरे-धीरे भरोसा खत्म होता जा रहा है। साथ ही यह भी बताया कि साइबर धोखाधड़ी से लगभग 2 हजार करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान भी पहुंचा है और यूपीआई भुगतान से संबंधित धोखाधड़ी में करीब 85 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि गरीब छोटे जमाकर्ताओं को स्वयं की बचत के लिए न्यूनतम 8 प्रतिशत ब्याज दर मिलनी चाहिए।
सरकार से किया आग्रह
सांसद राघव चड्ढा ने सरकार से वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने, ऋण वसूली प्रथाओं को विनियमित करने और बैंकिंग कर्मचारियों के लिए बेहतर कार्य स्थितियां प्रदान करने का आग्रह किया है। साथ ही, इसके समाधान के लिए भी आग्रह किया है।