कर्नाटक चुनाव से पहले राष्ट्रीय पार्टी बनेगी AAP! हाईकोर्ट ने इलेक्शन कमीशन से कहा- 13 अप्रैल तक करें फैसला
Arvind kejriwal
Karnataka Assembly Election 2023: अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को अब तक राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा नहीं मिला है। नेताओं ने इलेक्शन कमीशन पर दर्जा देने में देरी लगाने का आरोप लगाया है। इस संबंध में कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को 13 अप्रैल से पहले पूरी स्थिति के बारें में आदेश जारी करने का निर्देश दिया है। सीईसी प्रतिनिधि ने पुष्टि की है कि 11 अप्रैल को ऑर्डर जारी कर दिया जाएगा।
यह याचिका आप कर्नाटक के संयोजक पृथ्वी रेड्डी ने दाखिल की। याचिका में कहा गया है कि पार्टी राष्ट्रीय दर्जा पाने की हकदार है। बावजूद इसके देरी की जा रही है। अरविंद केजरीवाल कर्नाटक में सभी 224 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने पर यह चुनाव में मददगार होगा। कर्नाटक में 10 मई को वोटिंग है और 13 मई को नतीजे आएंगे।
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बता दें कि गुजरात चुनाव में लगभग 13 प्रतिशत वोट हासिल करने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की AAP पिछले साल ‘राष्ट्रीय पार्टी’ के दर्जे की पात्र बन गई। 10 साल पहले आप एक छोटी पार्टी थी, अब इसकी दो राज्यों में सरकार है और यह एक राष्ट्रीय पार्टी बन गई है।
राष्ट्रीय दल का दर्जा पाने के लिए क्या जरूरी?
इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के मुताबिक, कोई राजनीतिक दल एक राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकता है, अगर- यह कम से कम चार राज्यों में ‘मान्यता प्राप्त’ है। इसके अलावा पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव में किन्हीं चार या अधिक राज्यों में कुल मतों का कम से कम छह प्रतिशत वोट प्राप्त किया हो और पिछले लोकसभा चुनाव में कम से कम चार सांसदों को लोकसभा भेजा हो।
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2012 में अस्तित्व में आई थी आप पार्टी
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी पहले से ही दिल्ली और पंजाब में एक मान्यता प्राप्त राज्य स्तरीय पार्टी है। AAP पार्टी को पिछले साल गोवा विधानसभा चुनाव में 6.8 प्रतिशत, गुजरात में 12.92 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिला था। दिल्ली में आप का जनाधार सबसे ज्यादा मजबूत है। केजरीवाल की आम आदमी पार्टी साल 2012 में अस्तित्व में आई थी। पिछले आठ सालों में आम आमदी पार्टी को चार राज्यों में आपने जनाधार को बढ़ाने में सफलता मिली है। दिल्ली और पंजाब में केजरीवाल की पार्टी की अकेले दम पर सरकार है।
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