फाउंडेशन पर ब्रेनवॉश का आरोप
डॉ. कामराज के अनुसार उनकी बेटियों गीता कामराज (42) और लता कामराज (39) को सद्गुरु की ईशा फाउंडेशन के कोयंबटूर स्थित आश्रम में बंदी बनाकर रखा गया है। उनका आरोप है कि यह संगठन लोगों का ब्रेनवॉश कर रहा है, उन्हें भिक्षु बना रहा है और उनके परिवार वालों के साथ उन्हें संपर्क नहीं करने दे रहा है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु उर्फ जग्गी वासुदेव के जीवन में स्पष्ट जाहिर होने वाले विरोधाभासों पर भी सवाल खड़े किए थे।
जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम और जस्टिस वी शिवगणनम ने कहा कि अपने अनुयायियों के बीच सद्गुरु के नाम से मशहूर जग्गी वासुदेव अपनी खुद की बेटी की शादी कर चुके हैं और वह अच्छी तरह से सेटल भी है। लेकिन, फिर वह बाकी युवतियों को सिर मुंडवाने, सांसारिक जीवन त्यागने और योग केंद्रों में सन्यासियों की तरह जीवन व्यतीत करने के लिए क्यों प्रोत्साहित कर रहे हैं। बता दें कि मामले में ईशा फाउंडेशन का कहना है कि किसी को भी यहां रहने के लिए मजबूर नहीं किया जा रहा है।