Trendingind vs saIPL 2025Maharashtra Assembly Election 2024Jharkhand Assembly Election 2024

---विज्ञापन---

कर्नाटक में 14 छात्राओं ने रेजर ब्लेड से काटी कलाई, पूछने पर दिए हैरान करने वाले जवाब; अब मनोचिकित्सक करेंगे जांच

14 girl students cut their wrists in Karnataka: कर्नाटक से बड़ी खबर सामने आई है। यहां के दांदेली में एक निजी स्कूल की 14 छात्राओं ने अपने बाएं हाथ की कलाई को रेजर ब्लेड से काट लिया। छात्राओं ने ऐसा क्यों किया, इस बारे में कोई खास कारण सामने नहीं आया है। हर छात्रा ने अधिकारियों […]

14 girl students cut their wrists in Karnataka: कर्नाटक से बड़ी खबर सामने आई है। यहां के दांदेली में एक निजी स्कूल की 14 छात्राओं ने अपने बाएं हाथ की कलाई को रेजर ब्लेड से काट लिया। छात्राओं ने ऐसा क्यों किया, इस बारे में कोई खास कारण सामने नहीं आया है। हर छात्रा ने अधिकारियों को पूछने पर अलग-अलग कारण बताए। जिसके बाद अब जिला प्रशासन की ओर से मामले में जांच के लिए मनोचिकित्सकों से मदद मांगी गई है। आपको बता दें कि सभी लड़कियां कक्षा 9 और 10 की स्टूडेंट्स हैं, जो कन्नड़ मीडियम से पढ़ाई कर रही हैं। लड़कियां जब घर पहुंचीं तो परिजनों को घाव दिखे। जिसके बाद स्कूल से संपर्क किया। स्कूल ने मामले में शिक्षा विभाग और पुलिस को अवगत करवाया। कई लड़कियों की कलाई पर तो 14 से 15 कट के निशान मिले हैं। सभी की हालत खतरे से बाहर बताई गई है। सभी का इलाज सरकारी अस्पताल से करवाया गया है। पूछने पर घरेलू कारणों का हवाला दे रहीं छात्राएं अभी निशानों के बारे में खास जानकारी नहीं लग सकी है। पूछने पर एक लड़की ने कहा कि उसने अपनी मां को गलत ढंग से बोला। बाद में फील होने पर ही खुद को नुकसान पहुंचाया। लड़की की मां ने भी इस बात पर सहमति दी है। दूसरी लड़की ने बताया कि चाचा की हाल में डेथ हुई है। जिसके कारण तनाव में ये कदम उठाया। अन्य लड़की ने कहा कि उसकी क्लासमेट ने बात करनी बंद कर दी। जिसके कारण ऐसा कदम उठाया। फिलहाल मामले में पुलिस की जांच जारी है। पुलिस मामले में शिक्षा विभाग के साथ कर रही काम एसपी कारवार की ओर से बताया गया है कि पुलिस मामले में हेल्थ और एजुकेशन डिपार्टमेंट के साथ काम कर रही है। फिलहाल आगे के लिए मनोचिकित्सकों से मदद मांगी गई है। सभी लोग सेफ हैं। वहीं, सिरसी के हेल्थ उप निदेशक की ओर से भी कहा गया है कि कुछ लड़कियां घरेलू कारणों से परेशान हो सकती हैं। डांडेली के बीईओ के हवाले से कहा गया है कि सभी छात्राओं के बयान रिकॉर्ड में लिया जाएगा। बेलगावी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज भी मामले में नजर रख रहा है। इसके मनोरोग विभाग के प्रमुख की ओर से कहा गया है कि कम उम्र में लड़कियां ज्यादा भावुक और संवेदनशील होती हैं। वे जैसा अपने क्लासमेट और दोस्तों का व्यवहार देखती हैं, हो सकता है कि उसको कॉपी कर जाए।


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.