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लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सांसदों ने किया जमकर हंगामा

नई दिल्ली से कुमार गौरव की रिपोर्ट: लोकसभा में मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा हुई। इस दौरान भाजपा लोक सभा सांसद सीपी जोशी ने जैसे ही भाषण शुरू किया विपक्षी दल हंगामा करने लगा। भाषण के दौरान राहुल गांधी, कांग्रेस की पिछली सरकारों और कांग्रेस पर  निशाना साधते हुए जैसे ही जोशी ने […]

प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली से कुमार गौरव की रिपोर्ट: लोकसभा में मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा हुई। इस दौरान भाजपा लोक सभा सांसद सीपी जोशी ने जैसे ही भाषण शुरू किया विपक्षी दल हंगामा करने लगा। भाषण के दौरान राहुल गांधी, कांग्रेस की पिछली सरकारों और कांग्रेस पर  निशाना साधते हुए जैसे ही जोशी ने राजस्थान के गौरवशाली इतिहास का जिक्र करते हुए रानी पद्मावती, सतीत्व और उनके जौहर का जिक्र किया वैसे ही एनसीपी की सुप्रिया सुले और डीएमके की कनिमोई सहित विपक्षी दलों के सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। विपक्षी सांसदों ने भाजपा सांसद पर सती प्रथा को महिमामंडित करने का आरोप लगाया।
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सदन की कार्यवाही करनी पड़ी स्थगित 

लोक सभा स्पीकर के इस शब्द को सदन की कार्यवाही से बाहर करने का आश्वासन देने के बावजूद हंगामा जारी रहने पर सदन की कार्यवाही को 1:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन की कार्यवाही के स्थगित होने के बाद डीएमके सांसद कनिमोई केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पास जाकर कुछ कहती नजर आई। इसके बाद कनिमोई और ए. राजा सहित कई सांसद सीपी जोशी की तरफ बढ़ते नजर आए, इस मौके पर आगे बढ़कर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बीच बचाव किया। दोपहर बाद 1:30 बजे दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोक सभा अध्यक्ष ने उस शब्द को सदन की कार्यवाही से निकालने की बात कहते हुए विपक्षी दलों के व्यवहार पर कड़ा ऐतराज भी जताया। बिरला ने ए. राजा से पूछा कि क्या इस तरह से उनका दूसरी बेंच ( सत्ता पक्ष ) की तरफ जाना सही था ? इस पर ए. राजा ने अपनी तरफ से सदन में सफाई देने का भी प्रयास किया।
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सफाई दी पार्टी सती प्रथा का समर्थन नहीं करती

सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने के बाद अपना भाषण जारी रखते हुए सीपी जोशी ने सफाई दी कि वे और उनकी पार्टी दोनों ही सती प्रथा का समर्थन नहीं करती है, इसके पक्ष में नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा की रानी पद्मावती के बलिदान से बड़ा कोई बलिदान नहीं है जिन्होंने अपने सतीत्व की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान दे दिया था। उन्होंने कहा कि यह जौहर था। इस पर भी विपक्षी सांसदों ने फिर से जमकर विरोध जताया।
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