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World Malaria Day 2024 : बुखार कोई बीमारी नहीं है, इस वजह से होते हैं मलेरिया समेत दूसरे इन्फेक्शन

World Malaria Day 2024 : जब भी किसी शख्स को बुखार हो जाता है तो उसकी स्थिति काफी खराब हो जाती है। वह तुरंत ही डॉक्टर के पास दवाई देने पहुंच जाता है। पहले जान लें कि बुखार कोई बीमारी नहीं है और डॉक्टर के पास कब जाएं:

बुखार कई तरह का होता है।
World Malaria Day 2024 : बुखार कोई बीमारी नहीं है। आप कहेंगे कि जब यह बीमारी नहीं है तो क्या है? दरअसल यह बीमारी का लक्षण है। हमारे शरीर में जब कोई वायरस या बैक्टीरिया आ जाता है तो शरीर उसे खुद ही मारने की कोशिश करता है। यहां शरीर की इम्यूनिटी काम आती है। उस वायरस या बैक्टीरिया को मारने के दौरान शरीर का तापमान सामान्य से कुछ ज्यादा बढ़ जाता है। जब शरीर का तापमान समान्य से ज्यादा बढ़ जाता है तो यही स्थिति बुखार कहलाती है। शरीर का तापमान थर्मामीटर की सहायता से पता कर सकते हैं।

किस तापमान पर कहलाता है बुखार

बड़ों में शरीर का समान्य तापमान 97 से 99 डिग्री फारेनहाइट (करीब 37 डिग्री सेल्सियस) होता है। वहीं बच्चों में यह 97 डिग्री फारेनहाइट से 98.5 डिग्री फारेनहाइट तक हो सकता है। जब शरीर में हरारत हो या शरीर टूटने लगे और तापमान 100 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा हो जाए तो वह स्थिति बुखार कहलाती है। [caption id="attachment_684951" align="alignnone" ] बुखार कई तरह का होता है[/caption]

दवाई कब जरूरी

जब बुखार हल्का हो यानी 99 से 100 डिग्री के बीच हो तो डॉक्टर दवाई लेने से मना करते हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक शरीर को भी इन वायरस या बैक्टीरिया से लड़ने देना चाहिए। इससे शरीर की इम्युनिटी का भी पता चलता रहता है। सामान्यत: बुखार 3 दिनों तक रहता है और उसके बाद तापमान धीरे-धीरे कम होता जाता है। वहीं अगर बुखार 100 डिग्री से ज्यादा हो जाए और शरीर में दर्द होने लगे तो डॉक्टर के पास जाकर दवाई लेनी चाहिए।

5 तरह का होता है बुखार

  • 1. प्रोटोजोअल: मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू, डेंगी, स्क्रब टायफस आदि।
  • 2. वायरल: कोविड-19, नॉर्मल फ्लु, स्वाइन फ्लु।
  • 3. बैक्टीरियल: यूरिन इन्फेक्शन, निमोनिया आदि।
  • 4. फंगल: फंगल फीवर आदि।
  • 5. टायफाइड

यह है मलेरिया फैलने का कारण

मलेरिया प्रोटोजोअल इन्फेक्शन के कारण होता है जो मच्छरों के काटने से फैलता है। इस इन्फेक्शन के लिए प्लाज्मोडियम के जीवाणु जिम्मेदार होते हैं। यह जीवाणु मच्छरों की लार से इंसान के शरीर में पहुंच जाता है। यह भी पढ़ें : World Malaria Day 2024 : हर बुखार मलेरिया नहीं होता, इन 5 तरीकों से करें पहचान

हो सकती हैं उल्टियां भी

अगर शरीर का तापमान बहुत ज्यादा हो जाए तो उस शख्स को उल्टियां भी हो सकती हैं। दरअसल, जब शरीर के एंटीबॉडी वायरस या बैक्टीरिया से लड़ रहे होते हैं तो शरीर काफी गर्म हो जाता है। अगर वायरस या बैक्टीरिया शरीर में मौजूद एंटीबॉडी पर भारी पड़ जाए तो उल्टियां हो सकती हैं। यह भी शरीर का वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने का एक तरीका होता है। कई बार यह तरीका शरीर को नुकसान भी पहुंचा देता है। बुखार में शख्स को जुकाम और खांसी भी हो सकती है। Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।


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