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Women Health Tips: क्या हर महीने बढ़ता है पीरियड्स का दर्द? डॉक्टर ने बताई यह वजह

Women Health Tips: पीरियड्स में दर्द होना कॉमन प्रॉब्लम है। मगर इस समस्या का धीरे-धीरे बहुत ज्यादा बढ़ जाना भी गंभीर बात होती है। दरअसल, हमारी अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजहों से ऐसा हो रहा है। डॉक्टर काजल सिंह बताती हैं कि नींद हमारी ओवरऑल हेल्थ को प्रभावित कर रही है। आइए जानते हैं इस बारे में।

Women Health Tips: हमारा लाइफस्टाइल कैसा है इसका जवाब हमारा शरीर खुद ही दे देता है। अगर अच्छा है तो आप बीमारियों से, रोजमर्रा में होने वाली समस्याओं से दूर रहेंगे और स्वस्थ महसूस करेंगे। वहीं, जिन लोगों की लाइफस्टाइल बिगड़ी हुई है, वो लोग हमेशा ही थके और आलसी दिखेंगे। नींद हमारी लाइफस्टाइल का ऐसा महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जो हमारी ओवरऑल हेल्थ को सही रखने में मदद करता है।

महिलाओं के लिए नींद क्यों जरूरी हैं?

महिलाओं को पीरियड्स में दर्द होना एक आम दिक्कत है लेकिन इन दिनों में अपनी जीवनशैली को सही न रखना आपको और बीमार कर सकता है। इतना ही नहीं अगर आप इस समय पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो ये आपके पीरियड्स को और भी ज्यादा मुश्किल बना देता है। NIIMS मेडिकल कॉलेज के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की प्रोफेसर डॉक्टर काजल सिंह कहती हैं कि नींद पूरी होगी तो इस समय महिलाओं को मूड स्विंग्स और हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या नहीं होगी।

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डॉक्टर क्या कहती है?

डॉक्टर काजल सिंह बताती हैं कि महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में नींद का बहुत बड़ा महत्व होता है। खासतौर पर पीरियड्स के दौरान पर्याप्त और सही नींद लेना हमारी बॉडी को बैलेंस रखता है। सही नींद लेने से सेहत और मूड स्विंग्स की समस्या नहीं होती है।

क्यों पूरी नहीं होती नींद?

एक्सपर्ट के मुताबिक, पीरियड के दौरान महिलाओं के शरीर में दर्द, ऐंठन और थकान की समस्या होती है, जिस वजह से नींद पूरी नहीं हो पाती है। वहीं, कुछ महिलाओं को इस समय बहुत अच्छी नींद भी आती है। ये उनके हार्मोनल इंबैलेंस का प्रभाव होता है।

पीरियड्स और नींद का क्या कनेक्शन है?

डॉक्टर बताती हैं कि महिलाओं का मासिक धर्म चक्र आमतौर पर 28 दिन का होता है, जिसमें अलग-अलग हार्मोन जैसे एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन का उतार-चढ़ाव शरीर में होता है। ये हार्मोन हमारी नींद की गुणवत्ता पर असर डालते हैं। प्री-मेंस्ट्रुअल फेज में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जिससे नींद आने में दिक्कत और नींद टूटने जैसी समस्याएं बार-बार होती हैं।

क्या नुकसान होते हैं?

  • नींद पूरी न होने से शरीर का हार्मोनल बैलेंस बिगड़ सकता है। कई रिसर्च में पाया गया है कि जो महिलाएं रोजाना 6 घंटे से कम सोती हैं, उनमें अनियमित पीरियड्स और ज्यादा दर्द होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • नींद की कमी से स्ट्रेस वाला हार्मोन कोर्टिसोल बढ़ता है, जो पीरियड्स को इररेगुलर करता है।
  • नींद अधूरी रहने से इंसुलिन का स्तर भी कम होता है, जिससे PCOS जैसी बीमारियों का रिस्क बढ़ जाता हैं।
  • पर्याप्त नींद न मिलने से महिलाओं के शरीर में सूजन की समस्या बढ़ जाती है जिससे पीरियड्स में दर्द की समस्या बढ़ जाती है।
  • महिलाओं को पीरियड्स के समय गुस्सा, चिड़चिड़ेपन और इमोशनल स्ट्रेस होता है। अगर उनकी नींद पूरी नहीं होगी तो ऐसी समस्या और भी ज्यादा बढ़ जाती है।
  • नींद की कमी से दिमाग में सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे 'हैप्पी हार्मोन्स' का स्तर कम हो जाता है।

अच्छी नींद के लिए उपाय

  • हर दिन एक ही समय पर सोने और उठने की आदत बनाएं।
  • सोने से पहले मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल कम से कम करें।
  • रात को हल्का और पौष्टिक खाना खाएं, ताकि पचने में दिक्कत न हो।
  • पीरियड्स के दौरान आप हल्की एक्सरसाइज या योग कर सकते हैं, इससे नींद में सुधार होगा।
  • तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन और गहरी सांसों वाले व्यायाम करें।

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