गर्मियों में पित्त बढ़ने की समस्या आमतौर पर उस समय होती है जब शरीर में गर्मी और एनर्जी का बैलेंस असंतुलित हो जाता है। आयुर्वेद में इसे पित्त दोष कहा जाता है। यह शरीर की आंतरिक गर्मी के कारण होता है, जो अप्रैल से लेकर जून-जुलाई के महीने में लोगों को प्रभावित करता है। इस समस्या के होने पर शरीर में अधिक गर्मी और पसीना निकलने लगता है, जिससे पाचन में भी गड़बड़ी देखी जाती है। पित्त बढ़ने की समस्या से लिवर, आंतों और पेट का स्वास्थ्य खराब होता है। पित्त उछलने पर पेट और सीने में जलन, गैस, एसिडिटी और स्किन पर लाल चकत्ते या मुंहासे जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं। पित्त को शांत रखने के लिए आप इस रामबाण उपाय को अपना सकते हैं, जो बिल्कुल आसान है।
पित्त बढ़ने के क्या कारण हैं?
गर्मी के मौसम में शरीर अधिक गर्म होता है, जिससे पित्त अधिक बनता है।
ज्यादा मसालेदार और ऑयली खाना खाने से पित्त बढ़ता है।
अधिक तनाव और गलत दिनचर्या पित्त को बढ़ा सकती है।
मांसाहारी भोजन का ज्यादा सेवन करने से भी पित्त बढ़ सकता है।
कर्नाटक के मशहूर आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर तनमय गोस्वामी कहते हैं कि कुछ लोगों का शरीर गर्म होता है। उन्हें इन महीनों में पित्त उछलने की परेशानी रहती है। ऐसे में आप एक नुस्खा रोज फॉलो कर सकते हैं, जो पित्त को शांत रखता है। इसके लिए आपको धनिया के बीजों की चाय पीनी है। इसे बनाना सरल है। आप 1 कप पानी में 1 से डेढ़ चम्मच धनिए के बीजों को डालकर उबालें और ठंडा करके पिएं। आपको इसे सुबह खाली पेट पीना है। आप इसमें मिश्री मिलाकर भी पी सकते हैं।
धनिए की चाय पीने के लाभ
डॉक्टर कहते हैं कि धनिए के बीजों में ऐसे कंपाउंड्स होते हैं, जो पित्त के दोषों को शांत करते हैं। यह चाय पेशाब के माध्यम से गर्माहट और टॉक्सिन्स को रिलीज करती है। शरीर के ताप को भी कम करती है। इस चाय को पीने से किडनी और लिवर का स्वास्थ्य भी सही रहेगा। अगर किसी को हाई बीपी की समस्या है, तो उन्हें भी इस चाय को पीने से ब्लड प्रेशर मेंटेन रखने में मदद मिलेगी। इसे पीने से शरीर में सूजन भी कम होती है।
पित्त से बचाव के कुछ अन्य उपाय
ठंडे पानी से स्नान करें।
पानी में जीरा डालकर पिएं।
आंवला में विटामिन-C और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो पित्त को शांत करते हैं।
दही शरीर में ठंडक पहुंचाता है और पाचन को सही रखता है।