कॉन्टैक्ट लेंस या चश्मा! आंखों के लिए दोनों में से क्या सबसे बेहतर? पढ़ें डॉक्टर की सलाह
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Eye Glasses Vs Contact Lens: आंखें जितनी खूबसूरत, इसलिए उनका ख्याल रखना उतना ही जरूरी है। कई बार जब सही से दिखता नहीं है तो चश्मा लगाकर ही सही कराया जाता है। पिछले कुछ समय में चश्मे की बजाय अब लोग अपनी आंखों में कॉन्टेक्ट लेंस लगवाना पसंद करते हैं। देश में 2019 से 2025 तक कॉन्टेक्ट लेंसेंज का कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट 7.5 % तक बढ़ सकता है। सबसे जरूरी बात आती है कि आखिर आंखों के लिए चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस दोनों में से कौन ज्यादा बेहतर है? इस पर Dr. Shaifali Majumdar ने जरूरी बातें शेयर की-
Eye Specialist इसपर क्या कहते हैं
आई स्पेशलिस्ट के अनुसार, चाहे चश्मा हो या कॉन्टेक्ट लेंस, दोनों ही आंखों के लिए अच्छे हैं। हालांकि, उनका इस्तेमाल अलग-अलग स्थितियों में होता है। कुछ मरीजों के लिए चश्मा ज्यादा अच्छा माना जाता है और कुछ के लिए लेंस लगाना अच्छा होता है। चश्मा और कॉन्टैक्ट लेंस दोनों के ही अपने फायदे और नुकसान हैं। फिर भी ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट(Ophthalmologists) के लिए चश्मा लगाना कॉन्टेक्ट लेंस लगाने से ज्यादा बेहतर और आंखों के लिए सेफ माना जाता है।
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क्या चश्मा आंखों के लिए बेस्ट है
ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट मरीजों को कॉन्टेक्ट लेंस की बजाय चश्मा ही लगाना चाहिए। क्योंकि चश्मे को लगाना और निकालना काफी आसान होता है। आंखों के ऊपर होने से इसके अंदर के हिस्सों को नहीं टच कर पाते हैं और आंखें इंफेक्शन से भी दूर रहती हैं। चश्मे को आप जितनी देर चाहें लगा सकते हैं, इसे लेकर सावधानी की ऐसी कोई जरूरत भी नहीं पड़ती है। यही कारण है कि बड़े बुजुर्ग हो या बच्चे हर उम्र के लोगों के लिए चश्मा ज्यादा अच्छा होता है।
कॉन्टैक्ट लेंस के नुकसान
कॉन्टैक्ट लेंस ज्यादा से ज्यादा 8-10 घंटे ही इस्तेमाल करना चाहिए। अगर ज्यादा देर तक पहनते हैं और साफ-सफाई पर भी ध्यान नहीं देते हैं तो आंखों को काफी नुकसान हो सकता है। आपको पता ही है यह आंख के अंदर कॉर्निया पर लगता है, ऐसे में अगर हाईजीन का बिलकुल भी ध्यान नहीं रखते हैं तो खतरनाक बैक्टीरिया हो सकते हैं, इससे आंख की रोशनी भी जा सकती है।
कुछ लोग तो 24-24 घंटे तक लेंस लगाकर रखते हैं। उनकी आंखों में हाइपोक्सिया(Hypoxia) मतलब ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। कॉर्निया का एपीथिलिया(Epithelium) की हेल्थ भी खराब हो सकती है, इससे आपकी आंखों में डिफेक्ट भी आ सकता है। आंखों के आसपास मौजूद कीटाणु कॉर्निया को हानि पहुंचा सकते हैं। कई बार तो ऐसा होता है कि जब कॉन्टैक्ट लेंस इंफेक्टेड हो जाता है, तो उनकी आंखों की पुतली भी संक्रमित हो सकती हैं।
Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। News24 की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।
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