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Sherlyn Chopra ने हटवाए नकली स्तन, बयां किया Breast Implants करवाने का दर्द, आप भी जानिए क्या होते हैं साइड इफेक्ट्स

Breast Implants Side Effects: एक्ट्रेस शर्लिन चोपड़ा ने हाल ही में अपने ब्रेस्ट इंप्लांट्स हटवाए हैं. शर्लिन ने बताया किन दिक्कतों के कारण शर्लिन ने यह फैसला लिया है और ब्रेस्ट इंप्लांट्स कराने के साइड इफेक्ट्स क्या होते हैं.

Sherlyn Chopra ने बताया ब्रेस्ट इंप्लांट्स के कारण कौन सी दिक्कतें हो रही थीं. Image Credit - Instagram

Breast Implants: ब्रेस्ट ओग्मेंटेशन ब्रेस्ट साइज यानी स्तन का आकार बढ़ाने की सर्जरी है जिसमें ब्रेस्ट टिशूज या छाती के नीचे ब्रेस्ट इंप्लांट्स लगाए जाते हैं. एक्टर और मॉडल शर्लिन चोपड़ा (Sherlyn Chopra) ने भी ब्रेस्ट इंप्लांट्स करवाए थे. लेकिन, हाल ही में शर्लिन ने ब्रेस्ट इंप्लांट रिमूवल सर्जरी करवा ली है यानी ब्रेस्ट इंप्लांट्स हटा लिए हैं और अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से वीडियो शेयर कर अपना दर्द बयां किया है. शर्लिन ने बताया कि ब्रेस्ट इंप्लांट्स करवाने के बाद उन्हें किन-किन दिक्कतों का सामना करना पड़ा और क्यों उन्हें आखिर में इन परेशानियों से निजात पाने के लिए ब्रेस्ट इंप्लांट रिमूवल सर्जरी करवानी पड़ी.

शर्लिन चोपड़ा ने बताई ब्रेस्ट इंप्लांट्स से हुई परेशानियां

ब्रेस्ट इंप्लांट्स को लेकर शर्लिन चोपड़ा ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से उन्हें क्रोनिक बैक पेन, छाती में दर्द, गर्दन में दर्द और कंधों में दर्द रहने लगा था. इसके अलावा छाती में खासतौर से शर्लिन को दर्द (Chest Pain) होने लगा था. मेडिकल इंवेस्टिगेशंस और मेडिकल एक्सपर्ट्स और कंसल्टेंट्स के चक्कर काटने के बाद शर्लिन ने महसूस किया कि उनके हैवी ब्रेस्ट इंप्लांट्स के कारण उन्हें ये दिक्कतें हो रही हैं. इसीलिए इन दिक्कतों को दूर करने के लिए और स्टेमिना बनाए रखने के लिए शर्लिन ने फैसला लिया कि वे अपने ब्रेस्ट इंप्लांट्स हटवा लेंगी.

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ब्रेस्ट इंप्लांट करवाने के साइड इफेक्ट्स

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एसिमेट्री - ब्रेस्ट इंप्लांट्स के कारण ब्रेस्ट का साइज, शेप और ब्रेस्ट लेवल एकदूसरे से अलग हो सकता है यानी टेढ़ा नजर आ सकता है.
छाती में दर्द - ब्रेस्ट में या निप्पल में दर्द (Nipple Pain) रह सकता है.
ब्रेस्ट टिशूज एट्रोफी- इसमें ब्रेस्ट के टिशूज या स्किन पतली हो सकती है.
डिफ्लेशन - सलाइन फिल्ड ब्रेस्ट से सॉल्टवॉटर या सलाइन की लीकेज हो सकती है, इंप्लांट में कट लग सकता है या पूरा का पूरा इंप्लांट फट सकता है.
चेस्ट वॉल डिफॉर्मिटी - चेस्ट वॉल या फिर पसलियां टेढ़ी नजर आ सकती हैं.
कैल्शियम डिपॉजिट - ब्रेस्ट इंप्लांट के कारण स्किन के अंदर लंप्स यानी गांठें बनने की दिक्कत हो सकती है.
चोट ना भरना - कई बार ब्रेस्ट के आस-पास लगी चोट या सर्जरी के घाव बढ़ने में जरूरत से ज्यादा समय लग सकता है.
एक्सट्रुशन - स्किन ब्रेकडाउन हो जाता है और स्किन से इंप्लांट्स नजर आने लगते हैं.
इंफेक्शन - ब्रेस्ट इंप्लांट सर्जरी के कारण इंफेक्शन हो सकता है. अगर ब्रेस्ट इंप्लांट सर्जरी के दौरान जरा भी लापरवाही बरती जाए तो इंफेक्शन हो सकता है.
इंफ्लेमेशन - ब्रेस्ट इंप्लांट के कारण स्किन पर इंफ्लेमेशन हो सकती है जिससे त्वचा सूजी हुई नजर आती है.

सेंसेशन बदलती है - ब्रेस्ट इंप्लांट्स के कारण ब्रेस्ट और निप्पल सेंशेशन बदल सकती है. इससे सेक्शुअल रिस्पोंस और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान होने वाली सेंशेशन में फर्क महसूस होता है.

किसे नहीं कराना चाहिए ब्रेस्ट इंप्लांट

  • प्रेग्नेंट या ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिला को ब्रेस्ट इंप्लांट्स ना करवाने की सलाह दी जाती है.
  • शरीर में कहीं भी किसी तरह का इंफेक्शन हो तो ब्रेस्ट इंप्लांट नहीं करवाना चाहिए. इससे हीलिंग प्रोसेस धीमा पड़ सकता है.
  • ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) या अनट्रीटेड ब्रेस्ट कैंसर में ब्रेस्ट इंप्लांट सर्जरी नहीं करवाई जा सकती.
  • किशोरावस्था में ब्रेस्ट इंप्लांट सर्जरी नहीं करवानी चाहिए क्योंकि उम्र के इस पड़ाव में स्तन का आकार लगातार बदलता रहता है.

अस्वीकरण - इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.


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