Ganth Ka Ilaj: शरीर पर दिखने वाली गांठ को लंप (Lumps) नोड्यूल या ट्यूमर कहा जाता है. गांठ के प्रकार पर निर्भर करता है कि इस गांठ को क्या कहा जाएगा. जो गांठें गंभीर नहीं होती उन्हें ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार आजमाए जा सकते हैं. वहीं, गांठ गंभीर हो तो यह कैंसर तो नहीं है इसकी जांच करवाना जरूरी होता है. अगर शरीर में कोई आम गांठ है तो इसे ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) और योगगुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की बताई आयुर्वेदिक औषधि इस्तेमाल करके देखी जा सकती है. यहां जानिए आयुर्वेद में गांठ का क्या इलाज है.
शरीर में गांठ कैसे खत्म करें?
आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि अगर आपको किसी भी तरह की गांठ की शिकायत है तो आप कांचनार गुग्गुलु का इस्तेमाल कर सकते हैं. आप कांचनार की दवा ले सकते हैं या कांचनार या कचनार के पत्तों (Kachnar Leaves) का इस्तेमाल कर सकते हैं. आचार्य ने बताया कि यह पौधा आपके लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकता है. इन पत्तों का सेवन किया जाए तो गांठें ठीक होने लगती हैं. गले में टॉन्सिल्स हो गए हैं, गंडमाला या गलगण्ड है तो उसमें कचनार के पेड़ की छाल को 20 ग्राम लेकर 200 ग्राम पानी में पकाकर जब पानी केवल एक चौथाई रह जाए तो इसे पिया जा सकता है. इससे समस्या से राहत मिलती है.
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कचनार के ये भी हैं फायदे - कांचनार की पत्तियों का इस्तेमाल पीलिया में भी किया जाता है. इस पत्तों के रस को रोगी को पिलाया जाता है. इससे लिवर के विकारों से मुक्ति मिलती है. कचनार के पत्तों को उबालकर इसके पानी से पशुओं की चोटों को धोया जाए तो घाव जल्दी भर जाते हैं. दांतों के दर्द को दूर करने के लिए कचनार की छाल को जलाकर उसकी राख से दांत साफ किए जा सकते हैं.
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इस तरह पिघलेगी गांठ
बाबा रामदेव के अनुसार, गांठ ठीक करने के लिए तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए सिलबट्टे पर तुलसी के पत्ते, अदरक, नीम, हल्दी और एलोवेरा को थोड़ा-थोड़ा लेकर पीस लें. इस मिश्रण को पानी में डालकर घोलकर और छानकर पीने पर बड़ी से बड़ी गांठ पिघल सकती है.
इस तैयार पेस्ट को मुल्तानी मिट्टी में मिलाकर गांठ पर लगाने से भी गांठ कम होने लगती है. इस लेप को गांठ पर लगाकर सूती के कपड़े से बांधकर रखने पर गांठ ठीक होने लगती है.
शरीर के अंदर और बाहर की गांठों को ठीक करने के लिए आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव के बताए ये नुस्खे आजमाए जा सकते हैं.
गांठ होने के क्या कारण हैं
फैटी गांठ - इस तरह की गांठ वसा वाले टिशूज यानी फैटी टिशूज के कारण बनती है. यह नरम और रबड़ जैसी होती है और छूने से आसानी से हिलती है.
सिस्ट - ये त्वचा की छोटी थैलियां होती हैं और आमतौर पर इनमें मवाद या तरल पदार्थ भरा होता है. इनमें एपिडर्मोइड सिस्ट आम होते हैं जो धीमी गति से बढ़ते हैं.
लिम्फ नोड्स - ये किसी तरह के संक्रमण से हो सकते हैं. इनमें गला, अंडरआर्म, कमर या शरीर का कोई हिस्सा सूज जाता है और गांठ महसूस होती है.
फाइब्रोएडीनोमा - यह स्तन पर होने वाली सौम्य गांठ है जो लड़कियों में देखी जाती है.
कैसे पता चलेगा कि गांठ कैंसर तो नहीं है
अगर कोई गांठ तेजी से बढ़ रही है, नई-नई है और दर्द रहित है तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है. इसके अलावा, कोई भी गांठ अगर शरीर पर कई दिनों से दिख रही है तो जांच करवा लेनी चाहिए.
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अस्वीकरण - इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.