क्या है सिजोफ्रेनिया?
सिजोफ्रेनिया एक मानसिक बीमारी है जो दिमाग तक कोई भी बात पहुंचने में समस्या पैदा करती है। दिमाग का जो हिस्सा सबसे ज्यादा प्रभावित होता है, उसमें थर्मोरेगुलेटरी (Thermoregulatory) कार्य भी होते हैं। यह वह भाग है जो आपको बताता है कि बहुत गर्म हैं और पसीना आने लगता है।सिजोफ्रेनिया के चेतावनी लक्षण
खतरनाक क्यों है सिजोफ्रेनिया की बीमारी?
सिजोफ्रेनिया से पीड़ित नॉर्मल लोगों की तरह ज्यादा गर्मी पर रिएक्ट करने में सफल नहीं होते हैं। उनका शरीर उन्हें सावधानी बरतने के लिए नहीं बोलता है। इसके अलावा, सिजोफ्रेनिया के इलाज में जिन मेडिसिन का यूज किया जाता है वो मेडिसिन भी बॉडी टेंपरेटर को बढ़ाती हैं। इसका मतलब यह है कि दवा लेते समय, सिजोफ्रेनिया से पीड़ित नॉर्मल लोगों के मुकाबले में हीट स्ट्रैस और स्ट्रोक के जोखिम के पास ज्यादा होते हैं।सिजोफ्रेनिया की शुरुआत की उम्र क्या है?
सिजोफ्रेनिया की शुरुआत की एवरेज एज पुरुषों के लिए शुरुआत 18 से 25 साल के बीच है और महिलाओं के लिए 25 से 35 के बीच है। 3-10% महिलाओं में 40 साल की आयु के बाद शुरुआत होती है। प्रारंभिक शुरुआत वाले सिजोफ्रेनिया को एक बार बेहद दुर्लभ माना जाता था। आज 12-15 साल की आयु में लक्षणों की शुरुआत के साथ अधिक मामलों की पहचान की जाती है। ये भी पढ़ें- जिम में टूट गई थी कमर की हड्डी, डॉक्टर ने कहा था- कभी नहीं चल पाएंगी, आज बन गईं बॉडी बिल्डर
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