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भयंकर गर्मी कर सकती है दिमाग की जानलेवा बीमारी! शुरुआत में ऐसे दिखते हैं लक्षण

Schizophrenia Disease Symptoms: भीषण गर्मी का असर आपकी सेहत पर भी कर सकता है। गर्मी की वजह से दिमाग से जुड़ी बीमारियां ज्यादा बढ़ रही हैं। इन्हीं में आती है सिजोफ्रेनिया की बीमारी, आइए जान लेते हैं इसके शुरुआती संकेत कैसे दिखते हैं।

सिजोफ्रेनिया रोग के लक्षण Image Credit: Freepik
Schizophrenia Disease Symptoms: इस समय भयंकर गर्मी पड़ रही है। भारत के कई राज्यों में 50 डिग्री के पार जा चुका है। इतने बुरे हालात हैं कि सूबह होते ही सूरज आग बरसाने लगता है। इस चिलचिलाती गर्मी में हीटवेव आपको परेशान कर सकती है। कई बार व्यक्ति इससे मेंटल समस्याओं का शिकार होता है। हीट स्ट्रैस, गर्मी से होने वाली थकान और हीट स्ट्रोक के जोखिम के बारे में आपने जरूर सुना होगा, लेकिन ज्यादा गर्मी मेंटल हेल्थ को भी खराब करती है। गर्मी के कारण सिजोफ्रेनिया से पीड़ितों की संख्या भी बढ़ रही है। ये ऐसी कंडीशन है जब दिमाग शरीर को सिग्नल नहीं भेज पाता है। इससे शरीर किसी भी मौसम के हिसाब से रिएक्ट नहीं कर पाता है और ये स्थिति बन जाती है, जो गंभीर बन सकती है। बढ़ती गर्मी एक तरह से मेंटल बीमारियों को ज्यादा ट्रिगर करती हैं, ये कनाडा के वाटरलू विश्वविद्यालय में हुए द कन्वरसेशन में इस बात का जिक्र किया गया है।

क्या है सिजोफ्रेनिया?

सिजोफ्रेनिया एक मानसिक बीमारी है जो दिमाग तक कोई भी बात पहुंचने में समस्या पैदा करती है। दिमाग का जो हिस्सा सबसे ज्यादा प्रभावित होता है, उसमें थर्मोरेगुलेटरी (Thermoregulatory) कार्य भी होते हैं। यह वह भाग है जो आपको बताता है कि बहुत गर्म हैं और पसीना आने लगता है।

सिजोफ्रेनिया के चेतावनी लक्षण

खतरनाक क्यों है सिजोफ्रेनिया की बीमारी?

सिजोफ्रेनिया से पीड़ित नॉर्मल लोगों की तरह ज्यादा गर्मी पर रिएक्ट करने में सफल नहीं होते हैं। उनका शरीर उन्हें सावधानी बरतने के लिए नहीं बोलता है। इसके अलावा, सिजोफ्रेनिया के इलाज में जिन मेडिसिन का यूज किया जाता है वो मेडिसिन भी बॉडी टेंपरेटर को बढ़ाती हैं। इसका मतलब यह है कि दवा लेते समय, सिजोफ्रेनिया से पीड़ित नॉर्मल लोगों के मुकाबले में हीट स्ट्रैस और स्ट्रोक के जोखिम के पास ज्यादा होते हैं।

सिजोफ्रेनिया की शुरुआत की उम्र क्या है?

सिजोफ्रेनिया की शुरुआत की एवरेज एज पुरुषों के लिए शुरुआत 18 से 25 साल के बीच है और महिलाओं के लिए 25 से 35 के बीच है। 3-10% महिलाओं में 40 साल की आयु के बाद शुरुआत होती है। प्रारंभिक शुरुआत वाले सिजोफ्रेनिया को एक बार बेहद दुर्लभ माना जाता था। आज 12-15 साल की आयु में लक्षणों की शुरुआत के साथ अधिक मामलों की पहचान की जाती है। ये भी पढ़ें- जिम में टूट गई थी कमर की हड्डी, डॉक्टर ने कहा था- कभी नहीं चल पाएंगी, आज बन गईं बॉडी बिल्डर 
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।   


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