गंभीर बीमारी कौन सी? जिससे जूझ रही हैं एक्ट्रेस नेहा भसीन, पेट दर्द से शुरू होते हैं लक्ष्ण
PMDD symptoms
Premenstrual Dysphoric Disorder: पीरियड्स के दौरान कुछ महिलाओं को पेट और कमर में गंभीर दर्द होता है वहीं कुछ महिलाओं को बिल्कुल दर्द नहीं होता है। कुछ महिलाओं को तो पीरियड्स आने से एक हफ्ते पहले दर्द शुरू हो जाता है। ये स्थिति आम या गंभीर दोनों हो सकती है। कई बार पीरियड्स से पहले होने वाला दर्द प्रीमेन्स्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर (PMDD) का संकेत हो सकता है। ऐसे में इस बीमारी के बारे में उचित ज्ञान होना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं इस बीमारी के लक्षण, बचाव और कारण।
हाल में बॉलीवुड सिंगर नेहा भसीन ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया। जिसमें उन्होंने बताया कि वो प्रीमेन्स्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर (PMDD) और ऑब्सेसिव-कम्पल्सि पर्सनैलिटी डिसऑर्डर (OCPD) से जूझ रही हैं। उन्होंने बताया कि वो कई सालों से परेशान थी और अब उन्हें इस बीमारी के बारे में पता चला है।
क्या है पीएमडीडी डिसऑर्डर?
पीएमडीडी एक क्रोनिक मेडिकल कंडीशन है जो हार्मोन के लेवल के बिगड़ने से होती है। ये बीमारी पीएमएस (PMS) का गंभीर रूप है। इस बीमारी में महिलाओं को दैनिक कार्य करने में दिक्कत होती है साथ ही महिलाएं मेंटली और फिजिकली भी प्रभावित होती हैं। पीएमडीडी का मेडिकल ट्रीटमेंट होना बेहद जरूरी है।
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पीएमडीडी के लक्षण
- एंग्जाइटी, टेंशन और डिप्रेशन होना
- बात-बात पर गुस्सा आना
- थकान और सुस्ती महसूस होना
- पैनिक अटैक, मूड स्विंग और किसी चीज पर फोकस न कर पाना
- नींद आने में दिक्कत होना
- सिर, पेट, सीने और मांसपेशियों में दर्द होना
पीएमडीडी होने का कारण
- हार्मोनल इंबैलेंस- पीएमडीडी की बीमारी तब होती है जब हार्मोन जैसे प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन का लेवल संतुलित नहीं रहता है।
- स्ट्रेस- ज्यादा टेंशन और स्ट्रेस लेने से भी ये बीमारी हो सकती है।
- खराब लाइफस्टाइल- हमारे खानपान का सीधा असर हमारे शरीर पर होता है। पीएमडीडी होने का एक कारण खराब खानपान भी है।
- धूम्रपान- स्मोकिंग करने से भी पीएमडीडी की बीमारी हो सकती है। ऐसे में धूम्रपान न करें।
पीएमडीडी का इलाज
- खानपान में बदलाव करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है। कोशिश करें कि आप प्रोटीन रिच डाइट लें।
- ज्यादा नमक, कैफीन, और शराब का सेवन न करें।
- बार-बार बर्थ कंट्रोल पिल्स न खाएं।
- ज्यादा स्ट्रेस और टेंशन न लेना।
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