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Perimenopause: मेनोपॉज से कितना अलग है पेरिमेनोपॉज? जानें अंतर, लक्षण और बचाव

Perimenopause and Menopause in Women: मेनोपॉज से पेरिमेनोपॉज के लक्षण देखने को मिलते हैं। इसकी शुरुआती उम्र क्या है और कैसे मेनोपॉज से अलग है? आइए जानते हैं।

महिलाओं में पेरीमेनोपॉज और रजोनिवृत्ति
Perimenopause and Menopause in Women: हर महिला के जीवन में एक बड़े टर्निंग प्वाइंट की तरह रजोनिवृत्ति यानी मेनोपॉज होता है। इससे महिलाओं के मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से प्रभाव पड़ता है। मेनोपॉज के होने पर सबसे पहले प्रभाव मासिक धर्म (Periods) यानी मेंस्ट्रुअल साइकिल (Menstrual Cycle) पर पड़ता है। एक तय उम्र के बाद महिलाओं में मेनोपॉज के लक्षण दिखने लगते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाओं को मेनोपॉज से पहले पेरिमेनोपॉज का सामना करना पड़ता है। जी हां, मेनोपॉज के लक्षण से पहले महिलाओं में पेरिमेनोपॉज के लक्षण दिखने लगते हैं। हालांकि, इस दौरान हर महीने आने वाले पीरियड्स से छुटकारा नहीं मिलता है। आइए मेनोपॉज और पेरिमेनोपॉज के बीच अंतर जानने के साथ-साथ पेरिमेनोपॉज के लक्षण और बचाव जानते हैं।

मेनोपॉज और पेरिमेनोपॉज में अंतर

मेनोपॉज को रजोनिवृत्ति भी कहा जाता है। जबकि, पेरिमेनोपॉज को रजोनिवृत्ति से पहले का संक्रमणकालीन काल कहा जाता है। आमतौर पर मेनोपॉज की उम्र 40 से 50 साल के बीच की है। पेरिमेनोपॉज के लिए शुरुआती उम्र 30 हो सकती है। आमतौर पर 40 से 45 साल की उम्र होती है। मेनोपॉज के दौरान शारीरिक तौर पर बदलाव देखने को मिल सकता है। इस दौरान कई प्रकार के हार्मोनल बदलाव होते हैं। जबकि, पेरिमेनोपॉज के दौरान शारीरिक से ज्यादा मानसिक प्रभाव देखने को मिलता है। ये भी पढ़ें- Menopause किस समय दे सकता है महिलाओं में गंभीर समस्या का इशारा

कब होती है पेरिमेनोपॉज की शुरुआत?

महिलाओं के अंडाशय यानी ओवरिज कम हार्मोन का उत्पादन करना शुरू करते हैं, जिससे मेंस्ट्रुअल साइकिल बिगड़ जाती है। इर्रेगुलर पीरियड्स के साथ पेरिमेनोपॉज की शुरुआत हो सकती है। ये शारीरिक और भावनात्मक दोनों लक्षणों के साथ होता है। कुछ लक्षण से आपकी मानसिक स्थिति पर असर पड़ सकता है। पेरिमेनोपॉज की शुरुआत के लिए 30 से 50 वर्ष तक की उम्र हो सकती है। इसी दौरान मेनोपॉज की शुरुआत हो सकती है। इस समस्या का सामना कुछ को थोड़े समय के लिए करना पड़ता है तो कुछ ऐसे होते हैं जो सालों तक पेरिमेनोपॉज स्टेज पर होते हैं।

पेरिमेनोपॉज होने पर क्या होता है?

पेरिमेनोपॉज के दौरान मासिक धर्म से संबंधित परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। भले ही मासिक धर्म सही से न हो रहे हों और हार्मोन का स्तर कम हो रहा हो, पेरिमेनोपॉज के दौरान महिलाएं गर्भवती हो सकती हैं। जबकि, मेनोपॉज के बाद महिलाओं का गर्भवती होना मुमकिन नहीं होता है। मेनोपॉज के होने से 8-10 साल से पहले पेरिमेनोपॉज की शुरुआत हो जाती है।

पेरिमेनोपॉज के लक्षण (Perimenopause Symptoms)

  1. मूड स्विंग होना
  2. नींद न आने की समस्या होना
  3. योनि में सूखापन होना
  4. मासिक धर्म का रुक जाना या इर्रेगुलर पीरियड्स
  5. अचानक बुखार जैसी गर्मी महसूस होना
  6. मासिक धर्म का अधिक होना या कम होना

पेरिमेनोपॉज का क्या इलाज है?

जी नहीं, पेरिमेनोपॉज का कोई इलाज नहीं है। ये महिलाओं के जीवन का स्वाभाविक हिस्सा है, जो पीरियड्स के पूरी तरह से बंद हो जाने पर समाप्त होता है। इसके बाद मेनोपॉज की शुरुआत होती है। हालांकि, आप अपने लाइफस्टाइल में बदलाव कर इनके लक्षणों से बचे रह सकते हैं। ये भी पढ़ें- PCOS से 70% महिलाएं परेशान! Regular Periods के बाद भी हैं कई शिकार- WHO

लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव

  1. डाइट में ज्यादा से ज्यादा फल-सब्जियां और प्रोटीन युक्त चीजों को एड करें।
  2. सुबह और शाम नियमित रूप से योग या एक्सरसाइज करें।
  3. दिनभर में 10 हजार कदम चलने की कोशिश करें।
  4. चाय और कॉफी जैसे कैफीन युक्त पेय पदार्थों का सेवन कम से कम करें।
  5. शराब, सिगरेट और तम्बाकू जैसी चीजों का सेवन न करें।
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।


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