Dehydration: सर्दियों का मौसम आते ही लोग 2 कारणों से पानी कम पीना शुरू कर देते हैं, पहला कि प्यास कम लगती है और दूसरा यह कि लोगों को बार-बार उठकर पेशाब करने जाना अच्छा नहीं लगता है. ऐसे में कम पानी पीने पर शरीर में पानी की कमी होने लगती है जिसे डिहाइड्रेशन कहते हैं. डिहाइड्रेशन होने पर सेहत पर अलग-अलग दुष्प्रभाव तो पड़ते ही हैं, साथ ही पानी की कमी (Pani Ki Kami) कुछ बीमारियों की वजह बन सकती है. ऐसे में यहां जानिए कम पानी पीने पर कौन से रोग हो सकते हैं.
पानी की कमी से कौन-कौन से रोग होते हैं
हीटस्ट्रोक आ सकता है
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लोगों को लगता है कि गर्मियों में लू चलने पर ही हीटस्ट्रोक होता है. लेकिन, ऐसा नहीं है. अगर व्यक्ति पानी कम पीता हो और खुद को थकाने वाली एक्सरसाइज ज्यादा करता है तो इससे हीट इंजरी हो सकती है या हीटस्ट्रोक हो सकता है जोकि घातक हो सकता है.
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किडनी डैमेज होती है
पानी की कमी किडनी को डैमेज (Kidney Damage) कर सकती है. किडनी शरीर का फिल्टर होती है और विषाक्त पदार्थों को शरीर से निकालती है. लेकिन, पर्याप्त पानी ना पीने पर किडनी को सही तरह से काम करने में दिक्कत आती है. इससे किडनी पर दबाव पड़ता है, किडनी फेल हो सकती है या किडनी स्टोन यानी पथरी की समस्या हो सकती है.
पेशाब में जलन
पानी की कमी से मूत्राशय से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं. जो लोग कम पानी पीते हैं उनमें अक्सर ही पेशाब में जलन (Peshab Me Jalan) की शिकायत देखी जाती है.
दौरा पड़ना
इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे पौटेशियम और सोडियम शरीर की एक सेल से दूसरी सेल को इलेक्ट्रिकल सिग्नल पहुंचाते हैं. अगर इन इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस बिगड़ जाए तो सिग्नल मिक्स्ड-अप हो सके हैं. इससे मसल्स टाइट हो सकती हैं या एकदम से सिंकुड़ सकती है जिससे व्यक्ति को दौरा पड़ सकता है या वह बेहोश हो सकता है.
ब्लड प्रेशर और ऑक्सीजन का कम होना
शरीर में पानी की कमी से होने वाली सबसे गंभीर दिक्कतों में आता है लो ब्लड वॉल्यूम शॉक. यह तब होता है जब पानी की कमी के कारण ब्लड प्रेशर गिर जाता है और शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है. इस स्थिति में व्यक्ति की जान भी जा सकती है.
शरीर में पानी की कमी होने के क्या लक्षण हैं
- शरीर में पानी की कमी हो जाने पर मुंह सूखने लगता है.
- पेशाब कम आता है. अगर 3 घंटे से ज्यादा हो जाए और पेशाब ना आए तो इसकी वजह शरीर में पानी की कमी हो सकती है.
- पेशाब का रंग गहरा नजर आता है.
- रोते हुए आंखों से आंसू नहीं निकलते हैं.
- शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है और चिड़चिड़ापन होने लगता है.
- अगर त्वचा पर हल्के से नोचा जाए तो स्किन जस की तस रहती है और अपनी सामान्य शेप में नहीं आती.
- हर समय शरीर में थकान महसूस होती है और कई बार बेहोशी छाने लगती है.
- कंफ्यूजन होने लगती है, ऐसा लगता है जैसे दिमाग सही तरह से काम नहीं कर रहा है.
- आंखें और गाल अंदर धंसे हुए से नजर आने लगते हैं.
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अस्वीकरण - इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.