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लड़के के चेहरे पर उगे बडे़-बड़े बाल…लोग मान रहे बाल हनुमान…हकीकत जान उड़ जाएंगे आपके होश!

Lalit Patidar disease Werewolf Syndrome: मध्यप्रदेश के रतलाम के एक लड़के की फोटो इन दिनों इंटरनेट और सोशल मीडिया पर वायरल है। इस लड़के का नाम ललित पाटीदार है, जिसके चेहरे पर लंबे-लंबे बाल हैं। चेहरे पर बाल होने से कोई उसे जामवंत नाम से पुकार रहा है तो कोई बाल हनुमान नाम रख कर […]

MP ratlam boy Lalit Patidar disease Werewolf Syndrome
Lalit Patidar disease Werewolf Syndrome: मध्यप्रदेश के रतलाम के एक लड़के की फोटो इन दिनों इंटरनेट और सोशल मीडिया पर वायरल है। इस लड़के का नाम ललित पाटीदार है, जिसके चेहरे पर लंबे-लंबे बाल हैं। चेहरे पर बाल होने से कोई उसे जामवंत नाम से पुकार रहा है तो कोई बाल हनुमान नाम रख कर उसकी पूजा कर रहा है। जबकि असल हकीकत ये है कि ललित एक गंभीर बीमारी से ग्रसित है, जिसका नाम वेयरवुल्फ सिंड्रोम है, इसी बीमारी के चलते उसके चेहरे पर लंबे-लंबे बाल उगते हैं। [caption id="attachment_94944" align="alignnone" ] अपने परिवार के साथ ललित पाटीदार[/caption] इस खबर में हम आपके लिए Werewolf Syndrome नाम की बीमारी के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो यह एक तरह की लाइलाज बीमारी है, जिसका इलाज नहीं है। जानिए वेयरवुल्फ सिंड्रोम क्या है, इसके कारण और इलाज क्या हो सकता है। जो भी इंसान वेयरवोल्फ सिंड्रोम नामक बीमारी से ग्रसित हो जाता है तो उसके शरीर के कई हिस्सों पर बाल उग जाते हैं। ऐसा होने से भोजन करने, सांस लेने आदि में समस्या होती है। अभी पढ़ें कमर दर्द और थकान मिटनों में दूर कर देगा ये आसान, बेहद सरल है विधि, जानें 6 जबरदस्त फायदे

क्या है वेयरवुल्फ सिंड्रोम?

वेयरवुल्फ सिंड्रोम को हाइपरट्रिचोसिस नाम से जाना जाता है। ये एक तरह की दुर्लभ बीमारी (Rare Disease) है, जो महिला-पुरुष दोनों को हो सकती है। इससे बालों की असामान्य ग्रोथ चेहरे और पूरे शरीर पर भी हो सकती है। इतना ही नहीं शरीर के कुछ हिस्सों में छोटे-छोटे पैच भी हो जाते हैं। हाइपरट्रिचोसिस कई प्रकार का हो सकता है।

हाइपरट्रिचोसिस (वेयरवुल्फ सिंड्रोम) के कारण

इसके कुछ खास कारण तो सामने निकलकर नहीं आते, लेकिन बताया जाता है कि यह एक ही परिवार से संबंध रखने वाले लोगों को ज्यादा होती है। कंजेनिटल हाइपरट्रिचोसिस बालों के विकास के लिए जिम्मेदार जीन के दोबारा एक्टिव होने के कारण होता है, यह जीन शुरुआती मानवों में बहुत अधिक बालों की ग्रोथ के लिए जिम्मेदार था, लेकिन जैसे-जैसे मानव विकासक्रम में आगे बढ़ा, यह जीन शांत हो गया, हालांकि कई केसेस में जब बच्चा मां के गर्भ में ही होता है, उस समय यह जीन फिर से एक्टिव हो जाता है।

जन्म के बाद भी हो सकता है वेयरवुल्फ सिंड्रोम

वहीं दूसरी तरफ बच्चे के जन्म के कुछ साल बाद भी वेयरवुल्फ सिंड्रोम के मामले सामने आए हैं। इसके पीछे एस्टेरॉयड दवा का साइड इफेक्ट, कुपोषण, ईटिंग डिसऑर्डर वजह होती हैं।

हाइपरट्रिचोसिस (वेयरवुल्फ सिंड्रोम) को कैसे कंट्रोल करें

मेडिकल न्यूज टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक अगर आप इस बीमारी से होने वाली परेशानी से बचना चाहते हैं तो नीचे दिए गए टिप्स आजमा सकते हैं। इससे पहले आपको एक्सपर्ट्स की सलाह लेना बेहद जरूरी है। क्योंकि वेयरवुल्फ सिंड्रोम या हाइपरट्रिचोसिस के इलाज के तौर पर इस तरह के बालों को हटाना एक शॉर्ट टर्म उपाय जरूर है, इसका कोई सटीक इलाज नहीं है।
  • एक-एक बाल को उखाड़ना
  • बालों में ब्लीचिंग कराना
  • शेविंग
  • बालों को जड़ से उखाड़ना
  • वैक्सिंग


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