क्या है बीमारी
सऊदी अरब से लौटे जिन लोगों में यह बीमारी हुई है, उनके नाम मेनिनजाइटिस (Meningitis) और सेप्टिसीमिया (Septicaemia) हैं। इन बीमारी का कारण मेनिंगोकोकल (Meningococcal) बैक्टीरिया है। मेनिनजाइटिस बहुत तेजी से फैलती है। इस कारण इसके इलाज की तुरंत जरूरत होती है। इस बीमारी की चपेट में आने वाले करीब 10 से 15 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है। वहीं काफी संख्या में लोग अक्षम हो जाते हैं। मेनिंगोकोकल बैक्टीरिया की चपेट में आने से कई बच्चों की मौत हो चुकी है। एक्सपर्ट बताते हैं कि मेनिंगोकोकल के कारण बैक्टीरिया खून को संक्रमित कर देते हैं। इससे सेप्टिसीमिया बीमारी हो जाती है और इसमें खून जहरीला हो जाता है। [caption id="attachment_720009" align="alignnone" ]कोरोना से ज्यादा खतरनाक
इस बीमारी को डॉक्टर कोरोना से ज्यादा खतरनाक बता रहे हैं। अमेरिका समेत कई देशों में इस बीमारी को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि अमेरिका में ऐसे मामले पहली बार नहीं आए हैं। पिछले साल अमेरिका में इस बैटीरियल बीमारी के 400 से ज्यादा मामले सामने आए थे।ऐसे फैलती है यह बीमारी
यह बीमारी सांस और बलगम के माध्यम में एक शख्स से दूसरे में फैल जाती है। यही नहीं, खांसने, छींकने, झूठा खाने, झूठे बर्तन का इस्तेमाल करने आदि से भी यह बीमारी फैल सकती है। अगर आप किसी को किस करते हैं, तो भी यह बैक्टीरिया एक शख्स से दूसरे शख्स में पहुंच सकता है। इस बैक्टीरिया के कई स्ट्रेन सामने आ चुके हैं।इलाज के बाद भी खतरनाक असर
जो भी शख्स इस बीमारी की चपेट में आता है, उसका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के जरिए किया जाता है। जो लोग सही हो जाते हैं, उनमें से कुछ लोगों में इस बीमारी का बुरा असर देखा जाता है। ऐसे लोगों की किडनी खराब हो सकती है, बहरापन हो सकता है, दिमाग से संबंधित बीमारी पैदा हो सकती है।जानें, किस बीमारी में कौन-से लक्षण दिखेंगे
| लक्षण | मेनिनजाइटिस | सेप्टिसीमिया |
| बुखार और उल्टियां | हां | हां |
| तेज सिर दर्द | हां | नहीं |
| जॉइंट और मसल्स पेन | नहीं | हां |
| हाथ-पैरों का ठंडा होना | नहीं | हां |
| चकत्ते पड़ना | नहीं | हां |
| सांस फूलना | नहीं | हां |
| गर्दन में अकड़न | हां | नहीं |
| तेज रोशनी में देखने में परेशानी | हां | नहीं |
| गहरी नींद आना या उठने में परेशानी होना | हां | हां |
| कन्फ्यूज रहना | हां | हां |
| दौरे पड़ना | हां | नहीं |