Impact of Covishield Vaccine in India : कोविशील्ड को लेकर ब्रिटेन के बाद भारत में भी चिंताएं सामने आने लगी हैं। जिन लोगों ने कोरोना से बचने के लिए Covishield वैक्सीन लगवाई थी, उन्हें डर लगने लगा है कि कहीं उनके साथ भी खून के थक्के जमने जैसी बात सामने न आ जाए। हालांकि इसे लेकर एक्सपर्ट की राय अलग है।
[caption id="attachment_691810" align="alignnone" ] ब्रिटेन में रहने वाली भारतवंशी अल्पा टेलर की कोविशील्ड लेने के बाद मौत हो गई थी।[/caption]
ब्रिटेन में भारतंवशी समेत कई लोगों की मौत
ब्रिटेन में Covishield वैक्सीन लगावाने वाले काफी लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें 18 साल के युवक से लेकर भारतवंशी महिला तक शामिल है। जिस भारतवंशी महिला की ब्रिटेन में मौत हुई है उसका नाम अल्पा टेलर है। अल्पा की 24 अप्रैल 2021 को 35 साल की उम्र में मौत हुई थी। अल्पा ने एस्ट्राजेनेका कंपनी की वैक्सीन मार्च 2021 में ली थी। वैक्सीन लेने के कुछ समय बाद ही उन्हें सिर दर्द की शिकायत हुई। कुछ समय बाद उन्हें स्ट्रोक की समस्या होने लगी। साथ ही वह ठीक से बोल भी नहीं पाती थीं। 8 अप्रैल को उन्हें अस्पताल ले जाया गया। वहां टेस्ट करने पर पता चला कि उनके दिमाग में क्लॉट (खून का थक्का) जमा था। उनकी सर्जरी हुई। इसके बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सकता। पोस्टमार्टम में पता चला था कि उनके दिमाग में बहुत सारे क्लॉट जमे हुए थे।
भारत में काफी लोगों ने लगवाई है कोविशील्ड वैक्सीन
देश के काफी लोगों ने कोरोना से बचने के लिए शुरुआत में Covishield और Covaxin नाम की वैक्सीन मौजूद थीं। देश के ज्यादातर लोगों ने इन दोनों वैक्सीन को ही लगवाया है। ऐसे में उन लोगों को ज्यादा टेंशन है जिन्होंने Covishield लगवाई है।
[caption id="attachment_691816" align="alignnone" ] Covishield[/caption]
भारत में नहीं पड़ेगा असर
एक्सपर्ट बताते हैं कि भारत में जिन लोगों ने Covishield वैक्सीन लगवाई है, उन्हें डरने या घबराने की कोई जरूरत नहीं है। पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. चंद्रकांत लहारिया बताते हैं कि जब भी कोई वैक्सीन आती है तो पहले उस पर पूरी रिसर्च की जाती है। उसका ट्रायल किया जाता है। कोविशील्ड के मामले में भी ऐसा ही हुआ। जब इस वैक्सीन का ट्रायल हुआ था तो यूरोप (खासतौर से यूके) के कई देशों में खून के थक्के और दूसरे लक्षण देखने को मिले थे। वहीं एशिया में ऐसा शायद ही कोई मामला था। डॉ. लहारिया बताते हैं कि भारत में ऐसा कोई भी मामला नहीं देखा गया था। अगर दुनिया में कहीं ऐसा कोई मामला आता है तो वह हजारों-लाखों में कोई एक होगा।
शुरू में ही दिख जाता है असर
डॉ. लहारिया के मुताबिक किसी भी वैक्सीन का साइडइफेक्ट उसे लगवाने के अगले 6 से 8 हफ्तों में ही दिख जाता है। ऐसे में अगर किसी शख्स से दो साल या इससे पहले वैक्सीन ली है तो अब उसमें वैक्सीन का साइडइफेक्ट शायद ही देखने को मिले। ऐसे में कह सकते हैं तो भारत में जिन लोगों ने कोविशील्ड लगवाई है उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं हैं।