Kidney Disease Symptoms: किडनी डैमेज के पीछे कई कारण छिपे हैं। इनमें से एक शरीर में बढ़ता विटामिन-डी भी है। अगर किसी के शरीर में विटामिम-डी का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तो आपको किडनी से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं। इसे मेडिकल भाषा में हाइपरविटामिनोसिस डी भी कहा जाता है। ये एक खतरनाक स्थिति होती है, जिसमें इंसान के कई अंग डैमेज हो सकते हैं। इनमें से सबसे ज्यादा असर किडनी पर होता है। आइए जानते हैं किडनी खराब होने का कारण और विटामिन-डी के साइड-इफेक्ट्स क्या है।
विटामिन-डी टॉक्सिसिटी क्या है?
इसका अर्थ होता है शरीर में किसी एक विटामिन जैसे कि विटामिन-डी की अधिकता हो जाना। ये एक ऐसा विटामिन है, जो हमारी इम्यूनिटी के लिए बहुत जरूरी है। विटामिन-डी को सॉल्यूबल भी माना जाता है लेकिन जब इसकी अतिरिक्त मात्रा खून में बढ़ जाती है तो उससे इस अंग पर असर पड़ता है। क्लीवलैंड क्लीनिक की रिपोर्ट बताती हैं कि ये ऐसी गंभीर स्थिति होती है जिसमें मरीज को बार-बार पेशाब भी आता है।
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किडनी को कैसे डैमेज करता है?
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट में क्यूरेस की स्टडी के बारे में बताया गया है जिसमें एक मामला भी साझा किया गया है कि 76 वर्षीय रोगी को किडनी की बीमारी थी। जब डॉक्टरों ने उसकी जांच की थी, तो पाया गया कि उसे हड्डियों की मजबूती के लिए विटामिन-डी सप्लीमेंट दिया गया था। मगर उसने उस दवा को अनियंत्रित तरीके से लिया और फिर उसके शरीर के कई अंगों पर असर दिखा।
विटामिन-डी से खराब हुई किडनी में दिखते हैं ये संकेत
डॉक्टरों के मुताबिक, मरीज को 6 हफ्तों बाद अपनी किडनी की बीमारी के बारे में पता चला था। बुजुर्ग को पहले से हाई बीपी की भी समस्या थी और उसकी बीमारी के लक्षण ऐसे थे:
कमजोरी होना- किडनी में खराबी होने से शरीर में टॉक्सिन्स बढ़ जाते हैं, जिस वजह से शरीर में कमजोरी हो जाती है।
चक्कर आना- जब बॉडी में टॉक्सिन्स बढ़ते हैं, तो कई बार चक्कर भी महसूस हो सकते हैं।
बहुत ज्यादा पेशाब आना- किडनी शरीर में पेशाब के रिलीज करती है, जब फिलटर करने का काम सही से नहीं होता है, तो पेशाब बार-बार आता है।
भूख न लगना- अगर खाना सही से नहीं पचता है, तो उससे भूख में भी कमी आ जाती है।
5 किलो वजन कम हो जाना- किडनी डैमेज होने पर शरीर की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है, जिस वजह से मरीज का वजन कम हो जाता है।
कैसे करना चाहिए विटामिन-डी का सेवन?
- विटामिन-डी के लिए आपको धूप लेनी चाहिए। ये नेचुरल और सबसे कारगर विकल्प है।
- विटामिन-डी से भरपूर फलों का सेवन करें। इसमें अंजीर, स्ट्रॉबेरी, केले और खजूर खा सकते हैं।
- अगर आप सप्लीमेंट ले रहे हैं तो डॉक्टर की निगरानी में सप्लीमेंट लें।
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