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कम फैट वाले फूड से डायबिटीज टाइप-2 का खतरा क्यों? नई रिसर्च में हुआ खुलासा

Diabetes Symptoms: लो कार्बोहाइड्रेट और कम फैट वाली फायदेमंद मानी जाने वाली कीटो डाइट उतनी भी लाभदायक नहीं है जितना हम सोचते हैं। नई रिसर्च में इस डाइट को कैंसर कारक माना गया है।

keto diet
Diabetes Symptoms: पिछले कुछ समय से कीटो डाइट का चलन इतना बढ़ गया है कि लोग इसे सबसे ज्यादा फायदेमंद और वजन घटाने के लिए बेहतर विकल्प मानने लगे हैं। हालांकि, कम फैट वाला हाई प्रोटीन फूड सेहत के लिए लाभदायक होता है, मगर एक नए अध्ययन से पता चला है कि कीटो डाइट से इंसान में टाइप-2 डायबिटीज होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। चलिए जानते है रिसर्च के बारे में।

क्या होती है कीटो डाइट?

सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि कीटो डाइट में क्या-क्या फूड्स शामिल हैं। कीटो डाइट में ऐसे फूड्स शामिल होते हैं, जिनमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है। यह खाना सिर्फ आपको एनर्जी प्रदान करने के लिए खाया जाता है, इनसे वजन नहीं बढ़ता है। कीटो में गुड फैट्स 70% तक होते हैं और प्रोटीन 20% होता है। कीटो फूड के कुछ प्रमुख फूड आइटम्स हैं:- मांस, फिश, अंडा, केला, पत्तागोभी, टमाटर तथा ऐसी सभी सब्जियां जिनमें स्टार्च की मात्रा कम होती है।

कहां और किसने यह रिसर्च की है?

यह रिसर्च मलेशिया के मोनाश विश्वविद्यालय में डा. बारबोरा डी कोर्टेन और रोबेल हुसैन कबथिमर और उनकी टीम द्वारा की गई थी, जिसमें उन्होंने 39,000 युवाओं को अपनी निगरानी में रखते हुए उन पर शोध किया। माना जाता है कि कम कार्ब्स वाला खाना खाने से मेटाबॉलिज्म स्ट्रॉन्ग होता है लेकिन इस रिसर्च ने इस धारणा के उलट परिणाम दिए और यह साबित किया कि कीटो डाइट वाला कम कार्बोहाइड्रेट वाला खाना लोगों में डायबिटीज-2 का खतरा 20% तक बढ़ा सकता है।

अध्ययन में क्या मिला?

अध्ययन करने वाले प्रोफेसर बारबोरा डी कोर्टेन ने एक मीडिया हाउस से बात करते हुए बताया कि अधिक मात्रा के सेचुरेटेड फैट वाले फूड आइटम्स का सेवन करने से वजन बढ़ सकता है और शरीर में इंसुलिन का स्तर भी बढ़ सकता है, जो टाइप 2 डायबिटीज के मुख्य कारणों में से एक है। ये भी पढ़ें- Heart Attack के 5 संकेत पहले से करते हैं अलर्ट, एक्सपर्ट का खुलासा-वक्त पर संभल जाओ

कैसे बढ़ता है इससे डायबिटीज का खतरा?

इस अध्ययन के अनुसार पाया गया कि जो लोग लो सेचुरेटेड फैट्स वाले फूड आइटम्स का सेवन ज्यादा करते हैं, उनके शरीर में फाइबर की मात्रा भी कम हो जाती है। ऐसे में अगर वे पर्याप्त रूप से एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टिविटीज नहीं करेंगे, तो उन्हें डायबिटीज टाइप-2 होने का जोखिम बना रहता है।

शोधकर्ता के अनुसार क्या करना चाहिए?

शोधकर्ता ने रिसर्च के बाद लोगों से आग्रह किया कि वे ज्यादा मात्रा में कम कार्ब वाले फूड्स के सेवन से बचें क्योंकि हमारे शरीर को इन फैट्स की भी जरूरत होती है। हमें अपने भोजन में से सफेद चीनी, सफेद ब्रेड, चावल और आलू को रिप्लेस कर, एवोकाडो, नट्स और ऑलिव ऑयल का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा, बेहतर स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार सभी के लिए आवश्यक है। ये भी पढ़ें- क्या होता है Dead Butt Syndrome? बैठने से जुड़ी ये समस्या कितनी खतरनाक? जानिए सब कुछ Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें।News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।


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