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हाई बीपी कंट्रोल कैसे करें? डॉक्टर ने कहा इन 3 तरीकों से रिवर्स हो जाएगा High Blood Pressure

High BP Control: हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत सेहत को बिगाड़ देती है. ऐसे में यहां जानिए किस तरह हाई बीपी को कम किया जा सकता है. डॉक्टर ने बताया तरीका.

High Blood Pressure: हाई बीपी को कंट्रोल करने के लिए क्या करना चाहिए?

High BP Control Kaise Kare: हाई ब्लड प्रेशर का मतलब है ब्लड प्रेशर लेवल्स का बढ़ जाना. अगर ब्लड प्रेशर की रीडिंग 130/80 से ज्यादा हो तो उसका मतलब है ब्लड प्रेशर लेवल्स हाई हैं. वहीं, अगर ब्लड प्रेशर रीडिंग (Blood Pressure Reading) 180/120 हो तो इसे ब्लड प्रेशर क्राइसिस कहा जाता है और तुरंत मेडिकल अटेंशन की जरूरत होती है. हाई ब्लड प्रेशर स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों की वजह बनता है. ऐसे में ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखना जरूरी होता है. डायबिटीज मैनेजमेंट एक्सपर्ट डॉ. प्रमोद त्रिपाठी ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल से एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने बताया है कि किस तरह हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखा जा सकता है और किस तरह हाई बीपी रिवर्स (High Bp Reverse) कर सकते हैं. आप भी जानिए डॉक्टर की क्या सलाह है.

डॉक्टर ने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर को रिवर्स करने के लिए आपको MAP फॉर्मुला आजमाना होगा. MAP का मतलब है मैग्नीशियम, एब्डॉमिनल ब्रीदिंग और प्रोलोंग्ड फास्टिंग.

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मैग्नीशियम बढ़ाना - डॉक्टर का कहना है हाई बीपी रिवर्स करने के लिए आपको मैग्नीशियम की मात्रा बढ़ानी होगी. हाई ब्लड प्रेशर में अक्सर पाया जाता है कि आपकी रक्त वाहिनियां स्टिफ या सख्त हो जाती हैं और मैग्नीशियम आपके ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करता है. मैग्नीशियम सबसे ज्यादा आपको कद्दू के बीजों में मिलेगा, हरी सब्जियों से भी जिससे क्लोरोफिल भी मिलता है और क्लोरोफिल के बीचोंबीच मैग्नीशियम होता है. मैग्नीशियम ग्लाइसेनेट का 200 ग्राम का सप्लीमेंट भी रात के समय लिया जा सकता है.

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एब्डॉमिनल ब्रीदिंग - पेट से सांस लेने को एब्डॉमिनल ब्रीदिंग कहा जाता है. डॉक्टर ने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर में आपकी सांस कई बार छाती में अटक जाती है और छाती से सांस लेने पर बीपी बढ़ता है. ऐसे में पेट से सांस लेने पर शरीर को काल्मिंग इफेक्ट्स मिलते हैं, राहत का एहसास होता है और हाई ब्लड प्रेशर कम होने लगता है. इसीलिए हर घंटे कुछ देर पेट से सांस लें. कम से कम 5 बार ऐसा करें. योगा अभ्यास में प्राणायाम करने पर फायदा मिलेगा.

प्रोलोंग्ड फास्टिंग - आखिर में P यानी प्रोलोंग्ड फास्टिंग आता है. डॉक्टर ने इसे ब्लड प्रेशर में सबसे इफेक्टिव बताया है. डॉक्टर का कहना है कि प्रोलोंग्ड फास्टिंग से इंसुलिन कम होता है. डायबिटीज और ब्लड प्रेशर दोनों में ही ज्यादा इंसुलिन दिक्कत करता है. शरीर में ज्यादा इंसुलिन हो तो यह सोडियम (Sodium) को पकड़ लेता है जिससे शरीर में पानी भरता है. ज्यादा इंसुलिन शरीर की रक्त वाहिनियों को खराब भी करता है. इसीलिए इंसुलिन को एकदम नीचे लाना हो तो 48 घंटे की फास्टिंग करें यानी व्रत करें.

डॉक्टर का कहना है कि MAP यानी मैग्नीशियम बढ़ाने, पेट से सांस लेने और लंबा 48 घंटे का व्रत करने पर हाई ब्लड प्रेशर को रिवर्स किया जा सकता है. इससे सेहत को एक नहीं बल्कि कई फायदे मिलते हैं.

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अस्वीकरण - इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.


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