हल्के में न लें मौसमी बुखार
इंफ्लुएंजा को आमतौर पर मौसमी बुखार कहते हैं, जो इन्फ्लूएंजा (Influenza) नामक वायरस से होता है। इसका संक्रमण एक से दो दिन में होता है और ज्यादा से ज्यादा पांच या सात दिनों में यह लगभग ठीक भी हो जाता है। हालांकि, आमतौर पर इन दिनों होने वाले बुखार को कई लोग नॉर्मल समझ लेते हैं, पर ऐसा बिल्कुल नहीं है। अगर इस संक्रमण से छोटे बच्चे, बुजुर्गों या किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों पर असर कर दे, तो उनके लिए गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है।
इन लक्षणों पर दें ध्यान
बुखार, ठंड लगना, शरीर और मसल्स में दर्द, खांसी, सिरदर्द, गला खराब होना, थकान होना, वोमिटिंग या लूज मोशन होना आदि।सावधानी ही एकमात्र बचाव
मौसमी बुखार होने पर फ्लू के लक्षण दिखने पर तुरंत सावधानी बरतें। इससे होने वाले साइड इफेक्ट को कम कर सकते हैं। खासकर उन लोगों का ध्यान रखना ज्यादा जरूरी है, जिनके लिए फ्लू एक बड़ा खतरा बन सकता है। गर्भवती महिलाओं, पांच साल तक के बच्चे, 65 या इससे ज्यादा उम्र के लोगों, कैंसर, दिल की बीमारियां, किडनी की बीमारी, एस्टेरॉयड पर डिपेंड रहने वाले मरीज आदि को संक्रमण से बचाव करना जरूरी है।डॉक्टर से कब मिलें
- अगर बुखार 5-6 दिन लगातार बना रहे, तो बिना देर किए डॉक्टर से मिलें।
- सांस लेने में परेशानी हो रही है तो डॉक्टर से मिलें।
- फीवर में यूरिन कम आ रहा हो तो भी देर न करें। जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलें।
- लगातार वोमिटिंग या लूज मोशन हो रहे है या कुछ भी खाने के बाद मन खराब हो रहा है, तो डॉक्टर से मिलें।